ग्रेटर नोएडा: यमुना अथॉरिटी के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता पर अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर अथॉरिटी को 126 करोड़ का चूना लगाने का मामला सामने आया है। पूर्व सीईओ व रिटार्यड आईएएस अधिकारी पीसी गुप्ता समेत तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों व उनके चहेतों के खिलाफ कासना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है पीसी गुप्ता पर आरोप है कि उसने अपने रिस्तेदारों के साथ मिलकर प्राधिकरण को 126 करोड़ की चपत लगाई है। आरोप के मुताबिक, गुप्ता ने फर्जी कंपनियां बनाकर पहले किसानों से जमीन खरीदी और फिर सारे नियम कानूनों को ताक पर रख कर वही जमीन प्राधिकरण को ऊंचे दामो में खरीदवा दी। इसके लिए 19 कंपनिया बनाई गई, इन कंपनियों के माध्यम से मथुरा जिले के 7 गांवों में 57.1549  हेक्टेयर जमीन खरीदी गई। और फिर इन्हीं कंपनियों के माध्यम से यह जमीन प्राधिकरण को दो गुने से भी ज्यादा दामो में खरीदवा दी। आरोप है कि प्राधिकरण की योजना में यह जमीन किसी काम की नही थी। फिर भी जान बूझ कर उस समय ऊँचे दामों में जमीन अथॉरिटी को खरीदवा दी गई। यह जमीन दिसम्बर 2013 से फरवरी 2015 के बीच में खरीदी गयी है। उस समय पीसी गुप्ता ही यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ थे। यह जमीन आज भी खाली पड़ी है। यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने प्राधिकरण की महाप्रबंधक (नियोजन) व सीईओ डा. अरुणवीर सिंह से मामले की जांच करायी। साथ ही चेयरमैन ने एलआईयू से भी जांच करायी। जांच सही पाये जाने पर चेयरमैन ने घोटाले में शामिल पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत करीब दो दर्जन लोगों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत मामला दर्ज कराया है। साथ ही सरकार से पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।