online teachers orientation program

सही जानकारी ही कोविड से बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका

बीमारी के लक्षण दिखने पर जांच जरूर कराएं : डा. त्यागी

बीमारी से लड़ना है बीमार से नहीं : अमिया शंकर

बच्चों को अच्छी आदतें अपनाने के लिए प्रशिक्षित करें शिक्षक : रंजना द्विवेदी

शिक्षकों के माध्यम से किया गया मार्गदर्शन ज्यादा कारगर : शालिनी रमन

कोरोना से लड़ाई में जांच सबसे बड़ा हथियार : मनजीत कुमार

नोएडा :  स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के तत्वावधान में यूनिसेफ, उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से शुक्रवार को ऑनलाइन टीचर्स ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कोविड-19 से बचाव को लेकर चर्चा की गयी। वेबिनार के माध्यम से गौतमबुद्ध नगर जनपद के शिक्षकों को जागरूक किया गया। सभी वक्ताओं ने कहा कि जानकारी ही कोविड से बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। शिक्षकों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए उनके माध्यम से किया गया मार्गदर्शन ज्यादा कारगर साबित होता है। कार्यक्रम में शिक्षकों का आह्वान किया गया कि वह बच्चों, उनके अभिभावकों को कोविड-19 से बचाव के उचित तरीकों की जानकारी दें, ताकि समाज में लोग इसके प्रति जागरूक हो सकें।

कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज त्यागी ने कहा कि कोविड प्रोटोकाल का शत-प्रतिशत पालन करें। सही जानकारी और बचाव कोरोना संक्रमण रोकने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है, जागरूकता से संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शरीर में बीमारी के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखें तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर जांच जरूर कराएं।

यूनिसेफ के आमिया शंकर ने स्टिग्मा  एंड डिस्क्रिमिनेशन (बहिष्कार/लांक्षन/कलंक) के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि इससे कैसे बचें। उन्होंने कहा कि बीमारी से लड़ना है – बीमार से नहीं। उन्होंने कहा कि अभी इस वायरस के बारे में नई-नई बातें पता चल रही हैं जब किसी चीज के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है, तो उन्हें चिन्ता होती और मन में डर पैदा हो जाता है। अफवाहों के चलते लोग गलत जानकारी को भी सही मान लेते हैं, उसी से डर और बढ़ता है। किसी को कोविड हो जाता है तो उसके साथ कोई भेदभाव न करें, अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो बीमार है तो उसे फोन करें और उसका हालचाल पूछें, उनकी बातों और परेशानी को सुनें।

कार्यक्रम में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं का आह्वान किया कि वह बच्चों को अच्छी आदतें अपनाने के लिए प्रशिक्षित करें, क्योंकि बच्चे जो सीखते हैं वह अपने माता-पिता और भाई-बहनों को भी सिखाते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में छात्रों को शामिल करने से न केवल उनका बीमारी से बचाव होगा बल्कि उनमें स्वस्थ आदतें भी विकसित होंगी। खासकर ग्रामीण इलाकों में बच्चे जो कुछ शिक्षकों से सीखते हैं, वह उनके परिवार में भी अपनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्रों की आयु के अनुसार उपयुक्त जानकारी देनी चाहिए। कोविड -19 के बारे में वैज्ञानिक और सटीक जानकारी साझा करने से बीमारी से जुड़े डर और धारणाओं को कम करने में मदद मिलेगी। बच्चों में डर पैदा किये बिना उनमें बेहतर स्वास्थ्य  व्यवहारों पर केंद्रित बातचीत करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि बच्चों को समझाने के लिए ऐसे तरीके अपनाने चाहिए, जिससे वह खेल-खेल में समझ सकें जैसे वीडियो, गीत, कठपुतलियों के माध्यम बेहतर हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई की संचार विशेषज्ञ के कहा कि जागरूकता फैलाने का बेहतरीन माध्यम शिक्षक हैं, वह बेहतर तरीके से बच्चों और अभिभावकों को संदेश दें और व्यवहार परिवर्तन के लिए संचार करें। उन्होंने कहा कि कोरोना का अभी कोई इलाज नहीं है, बचाव ही इसका सबसे उपयुक्त तरीका है। संक्रमण से बचने के पूरे प्रयास करने चाहिए। उन्होंने मास्क, दो गज दूरी और हाथ धोने की उपयोगिता के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। कोरोना से डरना नहीं है, लेकिन लापरवाह भी नहीं होना है। उन्होंने परिवार नियोजन के बारे में चर्चा करते हुए इसकी आवश्यकता बतायी। यूपीटीएसयू के विशेषज्ञ ने हाथ धोने का उचित तरीका बताया। उन्होंने इसका सूत्र (suman-k) बताया एस- सीधा, यू-उल्टा, एम- मुट्ठी, ए- अंगूठा, एन-नाखून, के- कलाई बताया। उन्होंने बताया कि इन्हें सही से धोने से हाथों को विसंक्रमित किया जा सकता है।

कार्यक्रम की शुरुआत में जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनजीत कुमार ने जनपद में कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी दी और कहा कि इसे लेकर सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि जनपद में कहां-कहां कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया जनपद के टोल फ्री नंबर 18004192211 पर कॉल करके सभी जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में जांच सबसे बड़ा हथियार है, इसलिए जरा भी संदेह होने पर जांच जरूर कराएं। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों ने आश्वस्त किया कि वह कोविड19 को लेकर मिली जानकारियों को पहले अपने व्यवहार में शामिल करेंगे और समाज में इसका प्रसार-प्रचार करेंगे। दो सत्रों में हुए कार्यक्रम जिले से करीब 600 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कई शिक्षकों ने सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की। कार्यक्रम के अंत में जिला कार्यक्रम अधिकारी मनजीत कुमार ने सभी का धन्यवाद किया।