ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में मथुरा भूमि घोटाले की तरह हुए अन्य भूमि घोटालों से संबंधित तीन और जांच पूरी हो चुकी हैं। इन घोटालों की भी एफआईआर बहुत जल्द दर्ज होने वाली है। मथुरा की तरह ही जहांगीरपुर में विद्युत सब स्टेशन के लिए, हाथरस के गांव मिढ़ावली में किसानों को सात प्रतिशत विकसित भूखण्ड देने के लिए तथा 15 अन्य गांवों में भी जमीन की खरीद फरोख्त में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। प्राधिकरण के चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने सभी जांच पूरी करने के निर्देश दिये थे। सूत्रों के अनुसार जहांगीरपुर वाले मामले की रिपोर्ट अगले सप्ताह हो सकती है। सभी घोटालों में पीसी गुप्ता व उनके सगे संबंधी तथा परिचितों के शामिल होने की बात कही जा रही है। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में एसीईओ व सीईओ के पद पर रहते हुए पीसी गुप्ता ने जहांगीरपुर में विद्युत सब स्टेशन के लिए आवश्यकता से अधिक जमीन खरीदी। यह जमीन पहले गुप्ता के रिश्तेदारों ने किसानों से सीधी खरीदी है और फिर प्राधिकरण ने कई गुना ज्यादा दरों पर वही जमीन बैनामा से खरीदी। हैरानी की बात है कि जब प्राधिकरण के पास जमीन पर्याप्त थी तो जहांगीरपुर में जमीन खरीदने की क्या जरूरत थी। तथा इतनी दूर विद्युत सब स्टेशन बनाने की क्या जरूरत थी। इस जमीन खरीद में भी बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। इस मामले में बहुत जल्द एफआईआर कराने की तैयारी है। मथुरा की तरह ही हाथरस के गांव मिढावली में भी कई हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण ने खरीद डाली। जमीन खरीद का प्रयोजन किसानों को 7 प्रतिशत विकसित भूखण्ड देना दर्शाया है। मजेदार बात यह है कि आगरा व मथुरा का किसान हाथरस में क्यों सात प्रतिशत विकसित भूखण्ड लेगा। यहां भी पीसी गुप्ता के रिश्तेदारों तथा परिचितों ने जमीन खरीदी है। इसमें ज्यादातर मथुरा भूमि घोटाले वाले ही लोग शामिल हैं। इसके अलावा बैलाना समेत 15 गांवों में भूमि खरीद की जांच ओएसडी शैलेंद्र भाटिया कर रहे हैं। यहां पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाडा होने की बात सामने आ रही है।