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ग्रेटर नोएडा: रविवार को ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह गरिमा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। छात्रों एवं अभिभावकों से खचाखच भरे पंडाल में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तथा पीएचडी सहित 3895 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने के लिए कई विदेशी छात्र भी उपस्थित थे।Sharada-University-convocat

दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि नास्कॉम के पूर्व प्रेजिडेंट तथा पदमश्री सौरभ श्रीवास्तव और आईआईएम नागपुर के चेयरमैन तथा टेक महिंद्रा कंपनी के मुखिया सीपी गुरनानी, प्रो चांसलर वाईके गुप्ता, चांसलर पीके गुप्ता ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती वंदना से किया।  देश के प्रसिद्द आईटी विशेषज्ञ सीपी गुरनानी को शारदा विश्वविद्यालय की ओर से उनके विशेष योगदान के लिए पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान से सम्मानित किया गया.  इस अवसर पर सीपी गुरनानी ने कहा की आज से मैं शारदा विश्वविधालय का एलुमुनी बन गया हूँ। हर व्यक्ति को परिवर्तन के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आप संतुष्ट हो जाते हैं तब आप में कुछ नया तथा आगे करने का जज्बा कम होते जाता है।

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सबसे पहले प्रो जीआरसी रेड्डी, कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने रिपोर्ट में यह दर्शाया की कैसे शारदा विश्वविधालय नौ वर्षों में चार हज़ार से बारह हज़ार छात्र, तीन संकाय से तेरह संकाय, बारह देशों से अस्सी देशों के विधार्थी आज शारदा विश्वविधालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने कहा आज हमारा देश प्रगति की नए दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस उन्नति में शिक्षित युवक-युवतियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज शारदा विश्वविद्यालय से शिक्षा के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां और उपाधियां अर्जित करने वाले विद्यार्थी उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ाने को तैयार हैं।Sharada-University-convocat

सौरभ श्रीवास्तव ने छात्रों से कहा कभी संतुष्ट न हो, हमेशा कुछ बड़ा हासिल करने की कोशिश करें। इस वैज्ञानिक युग के अनुरूप अपने आपको तैयार रखने के लिए निरंतर शोध की आवस्यकता होती है और  सब छात्रों को सुन्दर भविष्य की शुभकामना दी।

शारदा विश्वविधालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा युवा पीढ़ी देश का भविष्य हैं।  अब वक़्त है की युवा पीढ़ी अधिक रचनात्मक और इंटरप्रेन्योर बने। भविष्य में स्वयं को स्थापित करने में विश्वास रखना चाहिए न की दूसरे के ऊपर निर्भर होने पर। कुलसचिव अमल कुमार ने मंच का संचालन किया।