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पौड़ी गढ़वाल : पर्यावरण मित्र योजना के अंतर्गत पर्यावरण प्रेमी व गौ सेवक आनंद सिंह पंवार अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वर्ष 2005-6 से अब तक 50 हजार से ज्यादा फलों के वृक्ष लगा चुके हैं। साथ ही लावारिस प्राणियों, विक्षिप्त, मूकदर्शक, गरीब, असहाय तथा साधु संतों की सेवा भी कर रहे हैं। कहते हैं जहां चाह हो वहीं राह बन जाती है। इसकी प्रेरणा उन्हें वर्ष 2005 में श्रीनगर गढ़वाल के तत्कालीन एसडीएम हरक सिंह रावत से मिली। तब से श्री पंवार ने गौसेवा ही अपना परम धर्म मान कर अपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ा, बल्कि उनके द्वारा गौशाला को और अधिक धन देकर के असहाय प्राणियों की रक्षा हेतु अच्छा बनाया गया। साथ-साथ उन्होंने जन जागृति अभियान के तहत एक लाख फलों के वृक्ष लगाने का भी का लक्ष्य भी रखा है। उन्होंने अब तक अपनी सेवा के दौरान थलीसैंण में राजकीय प्राथमिक विद्यालय ग्वारी तल्ली, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ग्वारी मल्ली, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कुणज, जनता इंटर कॉलेज धाधणखेत तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय जोगड़ी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कटाखोली, राजकीय प्राथमिक विद्यालय नवाखाल, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बुदेसु, राजकीय इंटर कॉलेज नवाखाल तथा राजकीय इंटर कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में अभी तक हजारों फलों के वृक्ष लगा चुके हैं। उनका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण व असहाय प्राणियों की सेवा करना है। इस कार्य में उन्हें काफी जन सहयोग भी मिल रहा है। उनके द्वारा अपने पैतृक गांव केसुंदर में भी फलों के वृक्ष लगाए गए हैं तथा गांव के पैतृक भवन को नया रूप देकर समाज में एक नई प्रेरणा पैदा की है। जिससे रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। उनके द्वारा श्रीकोट गौशाला में असहाय प्राणियों के लिए पीने के पानी की टंकी तथा गरीब व साधु-संतों के लिए एक बड़ी पीने के पानी की टंकी बनाई गई है। साथ ही लावारिस पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था और रहने लायक गौशाला भी बनाई गई है जहां पर अत्यधिक गर्मी व बरसात में मूकदर्शक व असहाय प्राणी अपना आसरा समझकर रहते हैं कभी-कभी साधु-संत व ड्राइवर, मजदूर लोग भी गौशाला में निशुल्क उपयोग कर लेते हैं। इस जनहित के कार्य में उनको सहयोग देने में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (उत्तराखंड सरकार), हरक सिंह रावत (अपर आयुक्त पौड़ी गढ़वाल), उपशिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल स्वामी, पर्यावरणविद् डॉ। शंकर काला, धीरेंद्र घिल्डियाल (पूर्व अध्यक्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय), नरेंद्र सिंह रावत (ग्राम प्रधान केसुंदर), मनोज जुगराण (जिला अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संगठन), श्रीमती रेखा नेगी (अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संगठन विकासखंड खिरसू), सभासद संजय फौजी, विभोर बहुगुणा, पूर्व शिक्षक नेता मनोज घिल्डियाल व डॉ। उत्तम सिंह पंवार, शिक्षिका संगीता फरासी, अनीता गुसाईं, कुलदीप पंत, राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मण्डलीय प्रवक्ता महेन्द्र सिंह नेगी, जवाहर सिंह पंवार (ग्राम प्रधान मुंडोली), अजय पंवार, गंगा सिंह रावत, देवी प्रसाद कापरवाण, सुभाष कुमार तथा स्वयं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शर्मिला पंवार आदि लोग उनके इस जनहित की पुण्य कार्य को अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

आनंद सिंह पंवार ने जन जागृति के माध्यम से लोगों को अवगत कराया है कि पृथ्वी को कूड़ा ग्रह बनने से रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है। क्योंकि प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जिसकी आयु 500 वर्ष से भी अधिक होती है। वह जिस स्थान पर पड़ता है वहां भूमि बंजर होने लगती है तथा पर्यावरण असंतुलन होता है। वे कहते हैं कि अक्सर देखने में आया है कि जब गाय बूढ़ी हो जाती है तो उसे लावारिस अवस्था में छोड़ दिया जाता है जिससे उसकी आत्मा दुखी रहती है। जिसके कारण मानव में कलह, हिंसा, असंतुष्टि तथा अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। पंवार ने कहा कि गौमाता की सेवा करने से उन्हें संतुष्टि प्राप्त होती है। इसलिए वे प्रतिदिन गौ सेवा हेतु समय निकालकर जितना हो सकता है गौसेवा करते हैं। उनकी धर्मपत्नी इस पुण्य कार्य में अपनी बगीचे से हरा-भरा चारा काट कर सहयोग प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि पॉलिथीन खाने से हजारों पशुओं की मौत हो चुकी है। अतः पर्यावरण योजना का मुख्य उद्देश्य है कि जैविक तथा अजैविक पदार्थों को घर से ही अलग-अलग करके पर्यावरण मित्रों को दें। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गौसेवा भी की जा सके। इस पुण्य कार्य में उन्होंने सभी लोगों का धन्यवाद किया।