GPR machine will detect underground fault

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा शहर के विभिन्न सेक्टरों में सीवर लाइन, वाटर लाइन व अंडर ग्राउंड केबल आदि में फॉल्ट का पता लगाने के लिए अब जमीन को खोदना नहीं पड़ेगा। जीपीआर मशीन (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रीडर मशीन) के माध्यम से अंडर ग्राउंड फ़ॉल्ट का आसानी से पता लगा लिया जाएगा। जीपीआर मशीन 9 से 10 मीटर तक जमीन के अंदर का फोटोग्रॉफ प्राप्त कर लेती है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इस अत्याधुनिक मशीन का प्रयोग शहर के विभिन्न सेक्टरों में आरंभ कर दिया है। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी। उक्त मशीन आईआईटी रूड़की ने यूएसए से 32 लाख रूपये में मंगवायी है। बता दें कि सीवर एवं जल का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए प्राधिकरण ने आईआईटी रूड़की को सलाहकार नियुक्त किया है। एनसीआर क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा ऐसा पहला शहर है, जहां जीपीआर मशीन का प्रयोग आरंभ कर दिया गया है।

प्राधिकरण के एसीईओ कृष्ण कुमार गुप्त ने बताया कि जीपीआर मशीन के माध्यम से भूमि के अंदर सीवर लाइन, वाटर लाइन, इलेक्ट्रिकल केबल एवं अन्य कोई भी सर्विसेज का पता लगाया जा सकता है। इस मशीन की मदद से क्षेत्र के प्रत्येक मेन होल तथा वाटर पाइप लाइन की गहराई, डाया, लोकेशन आदि का डाटा तैयार किया जा रहा है। एसीईओ ने बताया कि अत्याधुनिक जीपीआर मशीन की सहायता से बिना किसी खुदाई के सर्विसेज का सटीक लेबल और लोकेशन आदि का डाटा तैयार किया जा रहा है। जीपीआर मशीन 9 से 10 मीटर तक जमीन के अंदर का फोटोग्रॉफ प्राप्त कर लेती है। इससे प्राधिकरण को काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा ऐसा शहर है, जहां जीपीआर मशीन का प्रयोग आरंभ कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए प्राधिकरण द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत स्मार्ट विलेज, ईआरपी, ई-फाइलिंग सिस्टम, कूड़ा प्रबंधन, मित्रा ऐप, लैंड ऑडिट, सुगम यातायात, सीवर व्यवस्था, पानी सीवर ड्रेनेज का मास्टर प्लान आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।