TB Haarega Desh Jeetga

नोएडा : टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ का तीसरा चरण बुधवार (13 जनवरी) से शुरू हो रहा है। अभियान के इस चरण में जनपद के समस्त निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, निजी लैब, निजी क्लीनिक व केमिस्ट के यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम भ्रमण करेगी और टीबी की बीमारी व टीबी नोटिफिकेशन के विषय में जानकारी देगी। 25 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान में विभाग की ओर से नौ टीम बनायी गयी हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन ने बताया कि देश से टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ टीबी उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। जनपद में यह अभियान 26 दिसम्बर 2020 से चल रहा है जो 25 जनवरी 2021 तक चलेगा। तीन चरणों में चलने वाले इस अभियान के दो चरण पूरे हो चुके हैं। पहला चरण 26 दिसम्बर 2020 से एक जनवरी तक चला। इसमें अनाथालय, नारी निकेतन, जिला कारागार,  वृद्धआश्रम, मदरसों व रेन बसेरों में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए टीबी व कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग की गयी। दूसरा चरण दो से 12 जनवरी तक चला। एक्टिव केस फाइंडिंग नाम से चले इस अभियान में विभाग की 12 टीम जुटीं और घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजने के लिए लोगों की स्क्रीनिंग की।

डा. जैन ने बताया पहले चरण के अभियान में कुल 3196 लोगों की टीबी की जांच की गयी। इनमें 94 लोगों में टीबी जैसे लक्षण पाये गये। आगे की सभी जांच के बाद पांच लोग ऐसे मिले, जिनमें टीबी रोग की पुष्टि हुई। इसी चरण में 691 लोगों की कोविड-19 की जांच की गयी, जिसमें केवल दो लोग पॉजिटिव मिले। इसी तरह अभियान के दूसरे चरण में 3.43 लाख लोगों की टीबी की जांच की गयी। इनमें 675 लोगों में बीमारी के लक्षण दिखे, लेकिन 20 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई।

विभाग चला रहा जागरूकता अभियान

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें विभाग के कर्मचारी लोगों को टीबी के लक्षण और उससे बचने की जानकारी देते हैं। वह खुद भी जागरूकता कार्यक्रमों में लोगों को बीमारी के बारे में बताते हैं। इस कड़ी में उन्होंने मंगलवार को दनकौर में एक कार्यक्रम में सामाजिक, व्यापारी, राजनीतिक वर्ग के लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया और उनका आह्वान किया कि वह टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि टीबी से संबंधित सभी जांच और उपचार निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। पूरा व समय पर इलाज कराने पर यह बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाती है, लेकिन इलाज शुरू करने के बाद इसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिये, ऐसा करने से बीमारी और बढ़ जाती है।