trunet machines for TB testing

नोएडा : वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गौतमबुद्ध नगर जनपद में क्षय रोग पर काबू पाने के निरंतर प्रयास चल रहे हैं। रोग का पता जल्दी चल सके और उतनी ही जल्दी उसका इलाज किया जा सके, इसके लिए जिले में तीन ट्रूनेट मशीन लगायी गयी हैं। इन मशीन की खासियत यह कि इससे एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) टीबी तक की जांच रिपोर्ट ढाई घंटे के भीतर मिल जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन का कहना है कि अब क्षय रोग विभाग मरीजों को उसी दिन जांच रिपोर्ट सौंप देगा, जिस दिन वह सैम्पल देंगे। यानि जिले में अब तुरंत जांच और तुरंत इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन ने बताया राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला क्षय रोग विभाग को सशक्त बनाया जा रहा है। जनपद में जांच की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, जिससे जल्दी मरीज की पहचान हो सके और जल्दी मरीज का उपचार शुरू किया जा सके ताकि मरीज के परिजनों और संपर्क में आने वालों को बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सके। इससे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को गति मिलेगी और देश टीबी मुक्त हो सकेगा। उन्होंने बताया शासन से मिली तीनों ट्रूनेट मशीन स्टॉल कर दी गयी हैं। एक मशीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) भंगेल, एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) जेवर व दनकौर में लगायी गयी है। इन मशीन के लगने से जिले में टीबी जांच की सुविधा बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले दूरदराज क्षेत्रों से लोगों को जांच के लिए जिला अस्पताल आना पड़ता था, अब जेवर, दनकौर के लोगों को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर यह सुविधा मिल जाएगी। उन्होंने बताया जिले में पहले सीबीनॉट मशीन से जांच की जाती थी, यह मशीन जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दादरी में लगी हैं। उन्होंने बताया ट्रूनेट मशीन से साधारण टीबी की जांच आधा घंटे में और एमडीआर टीबी की जांच दो से ढाई घंटे में की जा सकती है।

डा. जैन ने बताया कि अब ट्रूनेट मशीन से टीबी मरीज की शुरुआत में ही एमडीआर की जांच करायी जा सकेगी, ताकि उसका इलाज जल्दी शुरू किया जा सके। जितनी जल्दी जांच होगी उतनी ही जल्दी मरीज का इलाज भी शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया इलाज के अभाव में टीबी का एक मरीज अनजाने में बहुत से लोगों को संक्रमित कर देता है। सही उपचार से छह माह में टीबी की बीमारी ठीक हो जाती है। विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान टीबी मरीजों को 500 रूपये प्रतिमाह दिये जाते हैं ।

उन्होंने बताया जनपद में वर्तमान में साधारण टीबी के 6300 मरीज हैं। जनवरी से नवम्बर तक एमडीआर के 198 मरीजों का इलाज हुआ इनमें 50 मरीज ठीक हो गये हैं। वहीं इसी अवधि में एक्सडीआर (एक्सटेंसिवसी ड्रग रेजिस्टेंस) टीबी के 47 मरीजों का इलाज हुआ इनमें से 11 ठीक हो चुके हैं।