नई दिल्ली: जैसा कि सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए कल रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा के दौरान कहा था कि अगर इन 21 दिनों में हम लोग नहीं संभले तो 21 साल पीछे चले जायेंगे। क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री से 21 दिन के ही लॉकडाउन की घोषणा क्यों की? क्या इससे कम दिनों का लॉकडाउन नहीं किया जा सकता था।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड (वायरस से संक्रमित होने और लक्षण दिखने का समय) 14 दिनों का है। अधिकतर मरीजों के शरीर में संक्रमित होने के 7 दिनों के अंदर लक्षण दिखना शुरू हो जाता है। ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर इस नजरिए से लॉकडाउन को देखें तो आज से 14वें दिन यानी 7 अप्रैल तक Covid-19 से संक्रमित सभी मरीज सामने आ आएंगे या उनका पता लग जाएगा। और यदि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया गया तो सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों या परिवारों के संक्रमित होने का खतरा रहेगा, जिनके यहां पहले से कोरोना वायरस से संक्रमित कोई मरीज है। और उनके संक्रमित होने के लक्षण भी लॉकडाउन पीरियड के दौरान सामने आ जाएंगे।
दरसल इस वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए 21 दिन बेहद जरुरी हैं। लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य अगले 21 दिनों के अंदर वायरस के प्रसार को फैलने से रोकना है और ऐसे मरीजों की पहचान करना है जो पहले से संक्रमित हैं। भारत में इस समय कोरोना वायरस के कम्मुनिटी ट्रांसमिशन की बड़ी आशंका है। दरसल कोरोना वायरस 4 चरण में फैलता है। पहले चरण में केवल वे लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत आये हैं। दूसरे चरण में वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं जो किसी न किसी ऐसे संक्रमित शख्स के सम्पर्क में आये जो विदेश यात्रा कर लौटे हैं। तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन का है, जो बेहद खतरनाक है। इस चरण में कोई भी व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किये बिना ही संक्रमित हो जाता है। इस स्टेज में 21 दिन के अन्दर संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने का खतरा रहता है। अगर 21 दिनों तक लोग सोशल डिस्टेंस (एक दूसरे से दूरी) बनाये रखेंगे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
इस बात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कुछ इस तरह समझाया था कि दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या को पहले एक लाख तक पहुँचने में 67 दिन लग गए थे। उसके बाद सिर्फ 11 दिन में ही एक लाख नए लोग संक्रमित हो गए, यानी इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या को 2 लाख तक पहुँचने में सिर्फ 11 दिन का समय लगा। यही नहीं 2 लाख संक्रमित लोगों से 3 लाख लोगों तक इस बीमारी के फैलने में सिर्फ 4 दिन का समय लगा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैलता है। और जब यह फैलना शुरू करता है तो इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है। भारत अभी कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे चरण में हैं और तीसरे चरण को टालने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। चौथे चरण में यह बीमारी महामारी का रूप ले लेती है। अभी तक इसका एक ही इलाज सामने आया है कि हम अपने अपने घरों में रहकर इस वायरस के संक्रमण के चक्र तो तोड़ें।