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Pulwama Attack :  आज ठीक 2 साल पहले यानी 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से CRPF जवानों की बस को टक्कर मार दी थी। इस हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे जबकि करीब 70 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

हालाँकि भारत ने महज 12 दिनों के अंदर 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक कर पुलवामा हमले का बदला ले लिया था। भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर जैश के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।martyrs-in-pulwama-attack

आज पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर भारतीय सेना ने एक बेहद भावुक वीडियो जारी किया है। चिनार कॉर्प्स के ट्विटर हैंडल से जारी यह वीडियो पूरी घटना और उसके बाद भारत सरकार के उठाए कदमों के बारे में बताता है। वीडियो की शुरुआत में बताया गया है कि सीआरपीएफ बटालियन की बसों को टार्गेट करने वाला आत्मघाती आतंकवादी सिर्फ 20 वर्ष का आदिल अहमद डार था।

NIA की चार्जशीट के मुताबिक, शाकिर ने ही हाईवे के एक मोड़ और ढलान पर हमले की सलाह दी थी। शाकिर के ही घर पर आईईडी भी इकट्ठा किया गया था और विस्फोटक लदी कार हाईवे तक वही ड्राइव कर ले गया था। इतना ही नहीं शाकिर ने मोहम्मद उमर और उसके सहयोगियों को अपने घर पर कई बार ठहराया था।

पुलवामा हमले में NIA द्वारा की गई जांच में पता चला कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं ने रची थी लेकिन सीआरपीएफ के बस को निशाना बनाने का आइडिया काकापोरा के एक दुकानदार का था। NIA ने पुलवामा आतंकी हमले के मामले में 13500 पेज की चार्जशीट फाइल की है, जिसमें इस दुकानदार का नाम शाकिर बशीर मागरे बताया गया है। चार्जशीट में कुल 19 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें 6 मारे जा चुके हैं। 13 जीवित आरोपियों में सबसे ऊपर जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके दो भाइयों रऊफ असगर मसूद और मौलाना अम्मार अली के नाम भी हैं। अमेरिकी एजेंसी FBI ने भी इस हमले के सबूत जुटाने में मदद की थी। इस हमले में 23 साल की युवती ने भी आतंकियों की मदद की थी। आरोपियों में 22 साल का शाकिर जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर लेथपोरा पुल के नजदीक फर्नीचर की दुकान चलाता था और आतंकी हमले का सबसे अहम स्थानीय लिंक था।