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नयी दिल्ली : आईसीसी विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में भारत को न्यूजीलैंड से मिली हार से भारतीय क्रिकेट फैन्स अभी तक उभर नहीं पाए हैं। क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, गावसकर से लेकर पूरे देश के क्रिकेट प्रेमी यही जानना चाह रहे हैं कि जब भारत के 5 रन पर 3 महत्वपूर्ण विकेट आउट हो चुके थे तो ऐसे में टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी को आखिर नंबर 7 पर बल्लेबाजी के लिए क्यों भेजा गया।

इस पर आख़िरकार आज टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने सफाई देते हुए बताया कि एमएस धोनी को नंबर 7 पर उतारने का फैसला पूरी टीम का था। और किसी के मन में इसे लेकर कोई संशय नहीं था। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि एमएस धोनी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में से एक हैं इसलिए उन्हें 7वें नंबर पर उतारने का फैसला किया गया था। हालंकि कि उनका फिनिशर वाला तर्क मेरी समझ से परे है। मेरा मुख्य कोच रवि शास्त्री एवं उनके इस निर्णायक मंडल से एक सवाल है कि जब आपकी टीम के कप्तान, उपकप्तान सहित 4 मुख्य बल्लेबाज 24 रनों के भीतर आउट होकर पवेलियन में बैठ चुके थे। ऐसे में ब्रेटली और मैट हेनरी की स्विंग लेती हुई घातक गेंदबाजी के आगे विश्वकप के सबसे अनुभवी खिलाड़ी एमएस धोनी के बजाय ऋषभ पन्त तथा हार्दिक पांड्या जैसे नए और अनुभवहीन बल्लेबाजों को उतरना कहाँ की समझदारी थी। जब आपके 5 रन पर 3 विकेट आउट हो गए या 24 रन पर 4 विकेट हो गए तो तब धोनी को 7वें नंबर पर भेजकर क्या फिनिश करवावोगे? खैर अब इन बातों पर ज्यादा बहस करने से कोई फायदा होने वाला नहीं है। टीम इंडिया का वर्ल्ड जितने का सपना टूट चुका है।

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