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नई दिल्ली : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इंदिरापुरम शक्तिखंड गाजियाबाद रामलीला मैदान में 21 से 29 दिसंबर तक उत्तराखंड महाकौथिग पारंपरिक लोककला एवं हस्तशिल्प मेला आयोजित किया जा रहा है। इंदिरापुरम महाकौथिग दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा मेला है। दिल्ली-एनसीआर में रह रहे उत्तराखंड मूल के लाखों लोग हर साल इस मेले को देखने के लिए पहुँचते है। महाकौथिग में पहाड़ों की कला संस्कृति दिखाई जाएगी। इस बार महाकौथिग में गंगोत्री धाम का भव्य मंच बनाया जाएगा। इसके साथ ही लोक गाथाओं पर आधारित गढ़वाली कुमाऊनी नृत्य नाटिकाओं का मंचन भी किया जाएगा।  महाकौथिग का विधिवत उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कर कमलों द्वारा किया जाएगा। मेले में उत्तराखंडी फैशन शो एवं जुमलों प्रतियोगिता, सुपरमॉम डांस कंपटीशन, युवाओं के लिए फोक म्यूजिक अवार्ड भी रखा गया है। इस बार मेले में उत्तराखंड के उत्पादन के लगभग डेढ़ सौ स्टॉल लगाए जाएंगे। वहीँ प्रतिदिन संध्या में माँ गंगा की दिव्य आरती की जाएगी। जिसमे उत्तराखंड के जाने-माने कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। महाकौथिग के अध्यक्ष केवल लखेडा व मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान ने बताया इस बार देशभर के लोग महाकौथिग इंदिरापुरम में सम्मिलित होंगे। 9 दिवसीय महाकौथिग में स्कूली बच्चों के कार्यक्रम भी शामिल है, हल्दी हाथ कार्यक्रम में युवक युवती परिचय सम्मेलन कराया जाएगा। पहाड़ी व्यंजनों को मेले में खासतौर से रखा गया है। महाकौथिग त्यौहार का सभी युवा, बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चों को खासा इंतजार रहता है। महाकौथिग का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों, पर्यटन, कृषि, औद्योगिक विकास एवं लोककला व संस्कृति को बढ़ावा देना है।

प्रेस वार्ता में लोक गायिका कल्पना चौहान, नरेंद्र सेमवाल, इंद्रा चौधरी, मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान, केवल लखेड़ा (अध्यक्ष),  सौरभ धष्माना, सुबोध थपलियाल, रजनी जोशी, मीडिया प्रभारी एवं अलंकार गुप्ता आदि शामिल रहे।