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कोटद्वार: करीब सवा साल पहले एडवोकेट सुशील कुमार रघुवंशी की कोटद्वार में दिन-दहाडे हत्या कर दी गई थी। परन्तु सवा साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उत्ताखंड पुलिस आज तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कोटद्वार बार असोसिएशन के सदस्य बीते 140 दिनों से लगातार धरने पर बैठे हैं। इस पूरे प्रकरण में कोटद्वार के कोतवाल की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जो हत्या करवाने वालों को बचाने में पूरी मदद कर रहा है।

कोटद्वार पुलिस के एसआई ने मृत्यु पूर्व अधिवक्ता सुशील कुमार रघुवंशी के बयान भी दर्ज किए थे, किंतु मामले में पुलिस ने जो बयान डायरी में लिखे थे वो डायरी और मोबाइल रिकॉर्डिग गायब कर दी गई है। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने भी यह बात कही है। इस तरह पूरे प्रकरण में कोटद्वार के कोतवाल की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे ही पता चल जाता है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कितना तत्पर है इसलिए हत्या करने वाले आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। इस हत्याकांड को हुए पूरे सवा साल हो गए हैं यहाँ तक कि SIT को बने भी 03  महीने से ज्यादा का समय हो गया है किन्तु आज तक हत्यारे या हत्या में इस्तेमाल किए हथियार और गाड़ी तक को भी बरामद नहीं कर पाई।

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इससे कोटद्वार पुलिस और SIT की कार्यप्रणाली का साफ़ पता चलता है कि उत्तराखंड की मित्र पुलिस असल में अपराधियों की मित्र है या जनता की। पुलिस की इस तरह कि कार्य प्रणाली से समाज में भय का महौल बना हुआ है। आज हमारे धरना प्रदर्शन को 140 वा दिन हो गया है और तब तक जारी रहेगा जब तक हत्यारों की और हत्या करवाने वालों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती। रविवार को धरने पर बैठने वालो में रेखा रघुवंशी,  आशीष किमोठी, एडवोकेट ध्यान सिंह नेगी,  मुजीब नैथानी,  एडवोकेट विश्जीत बडथ्वाल, एडवोकेट हुकुम सिंह, शगुफ़्ता सिंह,  मनोज सिंह,  राजदर्शन,  हरीश चंद, प्रदीप कुमार शर्मा शामिल रहे।