Rishikesh-Karnprayag Rail Line Project

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को गुलर टिहरी गढ़वाल में ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यों की अच्छी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 2025 तक इस रेल लाईन का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 2021 तक श्रीनगर तक रेल लाइन पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस रेल लाइन पर हाई टेक्नोलॉजी की मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड को ऑल वेदर रोड एवं ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाईन का जो तोहफा दिया है, इससे आने वाले समय में चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास एवं चार धाम यात्रा को नये आयाम प्राप्त होंगे। इस रेल लाइन की शुरूआत में ऋषिकेश में बनने वाला सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन देश व दुनिया में उत्तराखण्ड की विशिष्ट पहचान बनाने के साथ ही राज्य को देश के विभिन्न भागों तक रेल सुविधायें उपलब्ध कराने में भी मददगार होगा। उन्होंने इस योजना की कार्य प्रगति के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए निर्माण कार्यों से जुड़े अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों से निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के साथ ही रेलवे स्टेशनों के निर्माण में उत्तराखण्ड के शिल्प, संस्कृति एवं धार्मिक धरोहरों के स्वरूप को प्रदर्शित करने की भी अपेक्षा की।

मंगलवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्यों का विभिन्न स्थानों पर स्थलीय निरीक्षण करने के पश्चात योग नगरी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में योजना से जुड़े अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के लिये विशिष्ट महत्व की यह परियोजना निर्धारित समय सीमा के अंदर गुणवत्ता एवं समय बद्धता के साथ पूर्ण हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य को न केवल विशिष्ट पहचान देने वाली होगी बल्कि चार धाम यात्रा को और अधिक सुगम बनायेगी। यह योजना संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र की लाइफ लाइन बनने के साथ ही इन क्षेत्रों से पलायन रोकने, रोजगार को बढ़ावा देने तथा उद्योगों की स्थापना में भी मददगार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रेल लाइन से पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित हो सकेगी। निजी क्षेत्र के सहयोग से अच्छे स्कूल व अस्पतालों की भी यहां उपलब्धता हो सकेगी। यह योजना धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन के अन्य स्वरूपों को भी बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना से सम्बन्धित प्रत्येक जिले में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री ने लोनिवि को ब्यासी-नरकोटा रोड पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को भारी मशीनों के आवागमन हेतु काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने विद्युत विभाग को रेलवे द्वारा वांछित स्थानों पर विद्युत कनेक्शन शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री द्वारा योग नगरी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश के परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।

रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है। इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किये जा चुके हैं। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार लछमोली व श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आर.ओ.बी. का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। श्रीनगर, गौचर व सिवाइ में रोड ब्रिज का कार्य हाल ही में प्रारम्भ किया गया है। वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।