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8th गढ़वाल राइफल ने पाक सीमा के अंदर घुसकर बुटर डोगरांडी पोस्ट पर किया था कब्जा

देहरादून: आठवीं गढ़वाल राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने रविवार को बुटर डोगरांडी युद्ध सम्मान दिवस की 53वीं वषर्गांठ धूमधाम से मनाई। आज ही के दिन 16 सितंबर 1965 में भारत व पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में आठवीं गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने बुटर डोगरांडी पोस्ट पर दुश्मन सेना को धूल चटाई थी। यह पोस्ट पाकिस्तानी कब्जे वाले क्षेत्र में थी। इस युद्ध में गढ़वाल राइफल्स की आठवीं बटालियन के दो अफसर और 40 जवान शहीद हो गये थे। शहीद होने वालों में यूनिट के कमान अधिकारी ले. कर्नल जेई झिराड़ व उप कमान मेजर एआर खान भी शामिल थे।

टिहरी विस्थापित क्षेत्र के सामुदायिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों ने बटालियन के शहीद सैनिकों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस युद्ध में तीन अफसर, जूनियर कमीशंड अधिकारी व 89 जवान घायल हुए थे। यह युद्ध भारत के सैन्य इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। जिसमें बटालियन ने बड़ी संख्या में कैजुअल्टी के बाद युद्ध जीता था। बटालियन को पाकिस्तान की सीमा में बहुत अंदर घुसकर युद्ध करने व लंबे समय तक रुकने का श्रेय प्राप्त है। इसी को देखते हुए गढ़वाल राइफल्स की आठवीं बटालियन को बुटर डोगरांडी युद्ध सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एसएस पटवाल, कर्नल जेएस मेहता, आनरेरी कैप्टन जगजीत सिंह बिष्ट, आनरेरी कैप्टन मान सिंह बिष्ट, सुबेदार मानवेंद्र सिंह, राजपाल सिंह नेगी आदि पूर्व सैनिक भी उपस्थित रहे।