Principal's-efforts-to-increase

अगर व्यक्ति के अन्दर कुछ करने का जज्वा होता है तो वह असम्भव कार्य को भी सम्भव कर जाता है। इसी तरह का कार्य राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुमाड़ी में कार्यरत प्रधानाध्यापिका मुन्नी रौथाण ने कर दिखाया। प्राथमिक विद्यालय सुमाडी में छात्रों की संख्या न्यूनतम थी। छात्र स॔ख्या कम होने का मुख्य कारण गाँव में ही एक प्राइवेट आजाद पब्लिक स्कूल चल रहा था। मुन्नी रौथाण ने छात्र संख्या बढ़ाने के लिए मुहिम छेड़ी। जिसके लिए उन्होंने सबसे पहले अभिभावकों को सरकारी विद्यालयों से मिलने वाली सुविधाओं से अवगत कराया।

शिक्षिका की कहीं हुई बातो का अभिभावकों पर गहरा असर पडा। सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुमाडी में प्रवेश दिलाया। इसका परिणाम है कि आज विद्यालय की छात्र संख्या 22 हो गई है। शिक्षिका के इस प्रयास की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। इस तरह के समर्पण से ही छात्र संख्या में वृद्धि की जा सकती है। अपने अध्यापन के साथ ही अभिभावकों से सम्पर्क बनाये रखना बहुत जरूरी है। विकास खन्ड खिर्सू में मुन्नी रौथाण के अनुकरणीय प्रयासों की प्रशंसा की जा रही है।