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उत्तराखंड के समाजसेवी राहुल अरोरा ने कुमाऊं की ऐपण कला को राष्ट्रव्यापी पहचान दिलाने की पहल की है। नैनीताल जिले के बेतालघाट और आस-पास के इलाकों में समर्पित भाव से समाजसेवा के कार्यों को अंजाम दे रहे राहुल अरोरा का कहना है कि उनका सपना है कि जिस तरह बिहार के मिथिलांचल अंचल की मधुबनी पेंटिंग दुनियाभर में मशहूर है, ठीक उसी तरह वो उत्तराखंड के कुमाऊं अंचल की ऐपण कला को विश्वव्यापी पहचान दिलाना चाहते हैं।

गौरतलब है कि तीज, त्यौहार, शुभ और मांगलिक कार्यों में ऐपण बनाए जाने की परंपरा कुमाऊं मंडल में सदियों से चली आ रही है लेकिन इसके बावजूद अभी तक भी ऐपण उत्तराखंड के एक मंडल विशेष तक ही लोकप्रिय है। अब वक्त आ गया है कि ऐपण कला को उत्तराखंड के साथ-साथ देश और दुनिया में प्रचारित-प्रसारित किया जाए।

ऐपण कला को बढ़ावा देने के लिए बेतालघाट विकास संगठन आगामी 2 दिसंबर से 11 दिसंबर तक बेतालघाट के विकास भवन में निशुल्क ऐपण कला का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ऐपण कला को प्रोत्साहन देने की मुहिम के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राहुल अरोरा ने बताया कि युवा पीढ़ी को ऐपण कला से रूबरू कराने के लिए पहली बार बेतालघाट में इतने बृहद स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। निशुल्क ऐपण प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण पत्र दिया जाएगा। वहीं प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा। ऐपण प्रशिक्षण की कार्यशाला ऐपण विशेषज्ञ हेमलता कबड़वाल ‘हिमानी’ और हर्षिता की देखरेख में संचालित होंगी। कार्यक्रम के संयोजक समाजसेवी राहुल अरोरा ने इलाके लोगों से निशुल्क ऐपण प्रशिक्षण कार्यशाला में ज्यादा से ज्यादा तादात में शिरकत करने की अपील की है।