600 schools will be merged in Uttarakhand

मंगलवार को सचिवालय सभागार में शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। शिक्षा मंत्री ने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शत् प्रतिशत छात्रों को स्कूल में पंजीकृत कराकर शिक्षा का लाभ दिलाये। उन्होंने कहा कि 10 छात्र संख्या से कम वाले 600 स्कूलों को आस-पास के स्कूलों में संविलियन किया जाए तथा ऐसे विद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापक तैनात कर छात्रों को शिक्षा अधिकार अधिनियम के मानक को पूरा करते हुए गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए तथा विद्यालयों के मान्यता प्रकरणों को समाधान हेतु प्रत्येक माह का प्रथम बुधवार निश्चित किया जाए। शिक्षा मंत्री ने विकासखण्ड स्तर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा शासन स्तर पर इस दिन मान्यता प्रकरणों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने मान्यता के प्रकरणों में अनदेखी न करने के निर्देश देते हुए पारदर्शिता से मान्यता प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायः इस कार्य में लापरवाही से विभाग की छवि खराब होती है। यह बात उन्होंने वित्त विहीन विद्यालयों के मान्यता प्रकरणों की समीक्षा के दौरान दिए। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2017-18 में आए 114 प्रकरण में 67 प्रकरण पर मान्यता दी गई तथा 42 प्रकरण समिति द्वारा स्थगित किये गए तथा 05 प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है। वर्ष 2018-19 में शिक्षा परिषद को प्राप्त 128 प्रकरण में से 60 प्रकरण में मान्यता प्रदान की गई तथा 37 प्रकरण स्थगित एवं 31 प्रकरण लंबित जिनमें 13 प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन तथा 18 प्रकरण जिला स्तर में संस्तुति के उपरान्त रखे जाने है। वर्ष 2019-20 में कुल 86 प्रकरणों में से 04 प्रकरणों में मान्यता प्रदान की गई तथा 61 प्रकरण स्थगित किए गए तथा 21 प्रकरण शासन स्तर पर लंबित है।

शिक्षा मंत्री ने बुक बैंक स्थापना योजना में जिस विद्यालय में अच्छी व्यवस्था होगी, वहां के नामित अध्यापक को सम्मानित करने की भी घोषणा की तथा विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों से गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की अपील की। पाण्डेय ने अध्यापकों की नियुक्ति विषय पर चर्चा के दौरान माननीय न्यायालय में लंबित प्रकरणों को तेजी से निपटाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए तथा तदालोक में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया सत्र आरंभ होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुपालन में गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए किन्हीं कारणों से ज्वाइन न करने वाले गैस्ट टीचरों के स्थान पर तत्काल प्रतीक्षा सूची से अध्यापक को ज्वाइन करवाकर विद्यालय की पढ़ाई सुचारू करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रवक्ता संवर्ग में 4598 पद रिक्त है तथा 4066 पदों के सापेक्ष 1729 गेस्ट टीचर्स का चयन किया गया है एवं 04 जनपदों में यथा टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं अल्मोड़ा में 1517 पदों पर कांउसिलिंग की जानी है। वहीं सहायक अध्यापक(एल.टी.) संवर्ग में 2180 पद रिक्त है तथा 834 पदों के सापेक्ष 402 गेस्ट टीचर्स का चयन किया गया है तथा उपरोक्त चारों जनपदों में 273 पदों पर कांउसिलिंग की जानी है। बैठक में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर चर्चा के दौरान अवगत कराया गया कि वर्तमान में पदोन्नति प्रक्रिया बाधित होने के कारण रिक्त पदों में पदोन्नति का कार्य किया जाना है। समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रधानाचार्य के 1387 पदों के सापेक्ष 220 पद पूर्णकालिक तथा 292 पद तदर्थ प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत है। शिक्षा मंत्री ने रिक्त 875 पदों पर वरिष्ठ अध्यापकों को नियंत्रण अधिकारी के रूप में आदेश जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार प्रधानाध्यापक के रिक्त 493 पदों पर भी वरिष्ठतम शिक्षकों को नियंत्रण अधिकारी के रूप में आदेश जारी करने के निर्देश दिए। नियंत्रण अधिकारियों को आहरण वितरण का अधिकार दिलाने पर भी चर्चा हुई। आगामी सत्र में विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के बिन्दु पर शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी 07-08 अप्रैल में प्रत्येक विद्यालय में प्रवेशोत्सव के माध्यम से छात्र-छात्राओं का प्रवेश सुनिश्चित कराया जाए तथा इन समारोह में अधिकारियों तथा विधायकों को भी प्रतिभाग कराया जाए। उन्होंने स्वयं भी किसी विद्यालय में प्रतिभाग करने की जिज्ञासा व्यक्त की।

प्राथमिक शिक्षा में प्रत्येक विकासखण्ड में स्थापित दो प्राथमिक तथा एक उच्च प्राथमिक मॉडल स्कूलों में विकासखण्ड तथा जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों को निरंतर भ्रमण करने के निर्देश दिए तथा इन विद्यालयों में आवश्यकतानुसार प्रत्येक विषय के अध्यापक तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारियों को दिए। उन्हांने सत्रारंभ में डी.बी.टी. के माध्यम से छात्रों के खाते में पुस्तक क्रय करने हेतु धन क्रेडिट करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा निःशुल्क ड्रेस छात्रों को प्रदान कर ब्लाकवार रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा सुश्री रवनीत चीमा, निदेशक शिक्षा डॉ. आरके कुंवर, निदेशक एससीआरटी सुश्री सीमा जौनसारी, अपर निदेशक शिक्षा राधाकृष्ण उनियाल, संयुक्त निदेशक भूपेन्द्र नेगी, आदि उपस्थित थे।