उत्तरकाशी। चिन्हित राज्य आदोलनकारी समिति उत्तरकाशी ने एक समान दस हजार रूपये पेंशन तथा क्षैतिज आरक्षरण देने समेत विभिन्न मांगों की अनदेखी किये जाने पर सरकार की शुद्धि-बुद्धि के लिये मणिकर्णिका घाट पर सामुहिक हवन यज्ञ किया है। आन्दोलनकारियों ने मांगों पर कार्यवाही न होने पर महीने की अमवस्या के दिन विभिन्न देवताओं के मंदिरों में सरकार के खिलाफ घात डालने का अनोखा निर्णय लिया है। समिति से जुड़े राज्य आंदोलनकारियों की हवन यज्ञ शुरू किये जाने से पूर्व प्रताप सिंह रावत की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि दो माह पूर्व मोरी में चिन्हित्त राज्य आंदोलकारी समिति का 21वां प्रदेश स्तरीय सम्मेलन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिरकत कर राज्य आंदोलनकारियों को एक समान दस हजार रुपये पेंशन देने व क्षैतिज आरक्षण के बारे में सरकार के स्तर से हर संभव कार्यवाही करने का आवासन दिया था। लेकिन अभी तक मामले में कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई है, जिससे आंदोलनकारियों में भारी रोष व्याप्त है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार विधायक व मंत्रियों के वेतन भत्तों में खूब बढ़ोत्तरी कर रही है, जबकि राज्य आंदोलनकारियों की समस्याओं के निराकरण करने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। बैठक मे सर्वसम्मति से सरकार की शुद्धी-बुद्धि के लिये मणीकर्णिका घाट हवन यज्ञ का निर्णय लिया गया। जबकि यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि सरकार की ओर से यदि इसी तरह राज्य आंदोलनकारियों की मांगों की अनदेखी की गई तो उत्तरकाशी के राज्य आंदोलनकारी हर माह आमवस्या के दिन मंदिरों में घात डालेंगे। बैठक समाप्त होने के बाद आंदोलनकारियों ने मणिकर्णिका घाट पर पंहुचकर सरकार की शुद्धि-बुद्धि के लिये सामुहिक रूप से हवन यज्ञ किया। इस मौके पर डा. बिजेंद्र सिंह पोखरियाल, जयेंद्र सिंह बिष्ट, जगदीश प्रसाद भट्ट, राजेंद्र प्रसाद पैन्यूली, शूरवीर सिंह भंडारी, प्रताप सिंह चैहान, सुरेंद्र चैहान, राम लाल, जगमोहन सिंह, ध्यान सिंह, भरत सिंह पंवार, मनमोहन सिंह,चंद्रमणी उनियाल, मनमोहन सिंह,विजय सिंह, गीताराम सेमवाल आदि उपस्थित रहे।