दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का आज बजट पेश नहीं होगा। सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बजट पेश होने से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने बजट पर रोक लगा दी। वहीं, उपराज्यपाल कार्यालय का कहना है कि दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर बजट पर राष्ट्रपति की मंजूरी मांगी थी। केंद्र ने टिप्पणी के साथ इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया था। एलजी कार्यालय को मुख्यमंत्री की तरफ से टिप्पणी पर जवाब का इंतजार है।

आम आदमी पार्टी ने सोमवार शाम एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र ने विधानसभा में पेश होने वाले दिल्ली सरकार के बजट पर रोक लगा दी है। केजरीवाल ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दिल्ली में बजट पेश होने से एक दिन पहले केंद्र ने इस पर रोक लगा दी है। केजरीवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कल से दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को, डॉक्टरों को, टीचर्स को तनख्वाह नहीं मिलने वाली है। ये सीधी-सीधी गुंडागर्दी चल रही है।

कानूनन दिल्ली सरकार विधानसभा में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही वार्षिक बजट पेश करती है। उपराज्यपाल के माध्यम से इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेजा जाता है। इस साल दिल्ली सरकार को विधानसभा में 21 मार्च का बजट पेश करना था। इसकी फाइल महीने की शुरुआत में उपराज्यपाल को भेजी थी।

अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर के ऑफिस से एक स्टेटमेंट जारी किया गया, जिसमें बताया गया एलजी वीके सक्सेना ने बजट का पास कर दिया था और इसमें कुछ टिप्पणियां जोड़कर उन्हें 9 मार्च को अरविंद केजरीवाल के पास भेज दिया था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति की तरफ से बजट को अप्रूवल दिलाने के लिए होम मिनिस्ट्री को संदेश भेजा था। इसके बाद होम मिनिस्ट्री ने 17 मार्च को अपने ऑब्जर्वेशन दिल्ली सरकार को बताए थे। अब तक दिल्ली सरकार की तरफ से होम मिनिस्ट्री को यह फाइल नहीं भेजी गई है। एलजी ऑफिस अभी तक इस फाइल के भेजे जाने का इंतजार कर रहा है।