राजधानी दिल्ली में एक साल से अधिक समय से चले आ रहे किसान आंदोलन का आज आखिरी दिन हो सकता है। किसानों और सरकार के बीच सहमति बन रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को कहा कि उनकी लंबित मांगों को लेकर केंद्र के संशोधित मसौदा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है और आंदोलन के लिए भविष्य की रणनीति तय करने को लेकर बृहस्पतिवार को बैठक होगी। यह बैठक गुरुवार दोपहर 12 बजे दिल्ली के सिंघु बॉर्डर होनी है। इसी बैठक के बाद किसानों के घर लौटने का एलान किया जा सकता है।

नए मसौदा प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से औपचारिक संदेश प्राप्त होते ही किसानों का आंदोलन तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा। बुधवार को पांच वरिष्ठ किसान नेताओं ने सरकार की तरफ से दिए गए नए प्रस्तावों पर चर्चा की। इनमें हजारों किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस केस तत्काल वापस लिए जाने की बात शामिल है। सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर कमेटी गठित करने का भरोसा दिया गया था। हालांकि, इसके बाद किसान लगातार आंदोलन के दौरान दर्ज पुलिस केस वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने पर सहमत हो गई हैं। दिल्ली में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे।