lungs cancer

lungs cancer medicine: एक लंबे दशक के बाद फेफड़ों के कैंसर की बीमारी से राहत देने वाली खबर सामने आई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा की खोज की है, जिससे फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मौतों का खतरा बेहद कम हो जाएगा। दुनिया के सबसे बड़े कैंसर सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए रिसर्च के परिणामों के अनुसार, सर्जरी के बाद ओर्सिमटिनिब दवा का सेवन करने से रोगियों की मौत का खतरा 51 प्रतिशत कम हो गया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आईआरसीएच के चीफ डा. जीके रथ के अनुसार दुनिया में ज्यादातर कैंसर रोगी फेफड़ों के कैंसर से मरते हैं, हर साल लगभग 1.8 मिलियन लोगों की मौत होती है।

एम्स के आईआरसीएच, जीटीबी अस्पताल से संबद्ध दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में यह विशेष रिसर्च किया गया। शिकागो में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एस्को) की वार्षिक बैठक में इस रिसर्च के रिजल्ट प्रस्तुत किए गए थे। स्टडी के प्रमुख डा. जीके रथ ने कहा कि तीस साल पहले, हम इन रोगियों के लिए कुछ नहीं कर सकते थे। अब हमारे पास यह शक्तिशाली दवा है। किसी भी बीमारी में 50 प्रतिशत जान बचाना एक बड़ी बात है। जीन थेरेपी पर भी स्टडी चल रही है।

क्लीनिकल परीक्षण में ऐसे मरीज शामिल थे, जिनकी उम्र 30 से 86 के बीच थी और वे 26 देशों से ताल्लुक रखते थे। रिसर्च के जरिये पता किया गया कि गोली फेफड़ों के कैंसर के रोगियों के लिए मददगार है या नहीं। लंग्स कैंसर घातक बीमारी का सबसे आम रूप है। कैंसर एनालेटिकल एक्सपर्ट्स ने भी इस स्टडी के रिजल्ट को रोमांचकारी बताया और कहा कि उसी परीक्षण से पहले के निष्कषरे पर जोर दिया, जिससे पता चला कि गोली कैंसर की मौत की जोखिम को भी आधा कर देती है।

मीडिया रिपोट के अनुसार यूके, यूएस और अन्य देशों में कुछ रोगियों के लिए दवा पहले से ही उपलब्ध है, लेकिन अधिक लोगों को लाभ मिलना चाहिए। फिलहाल, यह बताना मुश्किल है कि यह खोज कितनी महत्वपूर्ण है और यहां पहुंचने में कितना समय लगा है।