मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। यह बात उन युवाओं पर सही साबित होती है जो दृष्टिबाधित होने के बावजूद भी आत्मारूपी आंखों में संकलपरूपी सपने संजोकर हौसलों की उड़ान भरकर अपने हिस्से का आसमान छू लेते हैं। यह कहना है माता पार्वती देवी चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष महावीर सिंह राणा का। मौका था उत्तराखंड से आए 20 दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह का।

शुक्रवार को माता पार्वती देवी चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) व गढ़देशीय भ्रातृ मण्डल (रजि.)  के सयुंक्त प्रयास से ईस्ट दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित गढ़वाल सदन में उत्तराखण्ड के 20 दृष्टिहीन छात्र/छात्राओं (प्रतिभावान दिव्यांग) के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

आयोजन के पहले दिन 26 मई को उत्तराखण्ड से सभी छात्र-छात्रायें एवं उनके सहयोगी सदस्य दिल्ली पहुंचे। जिसके बाद वे दोपहर 12:00 बजे “नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के कार्यालय आर के पुरम पहुंचे। जहाँ से दोपहर 3:00 बजे इन बच्चों ने आईआईटी दिल्ली की एक कार्यशाला में भाग लिया। शाम को सभी छात्र-छात्राऐं गढ़वाल सदन, कड़कड़डूमा दिल्ली पहुंचे, जहाँ माता पर्वती देवी चेरिटेबल ट्रस्ट व गढ़देशीय भ्रातृ मण्डल के पदाधिकारियों व सदस्यों ने उनका स्वागत व अभिनन्दन किया व बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए कार्यक्रम रखा।

दृष्टिहीन छात्र/छात्राओं में अर्श थापा, अल्फरिद, ह्रितिक, गौरव भट्ट, पृथ्वीक, अविरल, द्रोण चौहान, सोनी पाल,  शिवा,  मेधांश सोनी, प्रेमा राठौर, रीमा, पृथ्वीक फादर, अनीता मनुरी, राजेश्वरी चौहान, राजेंद्र सिंह नेगी,  अमित सिंह नेगी, हरीश पंवार, आर्यन सिंह नेगी शामिल थे।

इस अवसर पर पूर्वी दिल्ली के पार्षद यशपाल कैंतुरा, महावीर सिंह राणा, आदित्य घिल्डियाल, डॉ. विनोद बचेती, कर्नल डॉक्टर अशोक कुमार सूद, एसीपी मोहन सिंह रावत, अजय सिंह बिष्ट, मंगल सिंह नेगी, राकेश डंडरियाल, प्रताप थलवाल, प्रताप नेगी, अनिल पंत, हरीश असवाल, संजय चौहान, मंजू रतूड़ी, प्रेमा धोनी, रोशनी चमोली व धारी देवी फिल्म के निर्देशक देवू रावत शामिल थे।

मंजू रतूड़ी