विख्यात सितार वादक, पद्मभूषण पंडित निखिल बैनर्जी की 90वीं जयंती के अवसर पर सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था वंडर्स इंडिया और सृजन अकादमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स एंड कल्चर के संयुक्त तत्वावधान में 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक तीन दिवसीय “पं. निखिल बैनर्जी स्मृति संगीत सम्मेलन” का आयोजन किया गया। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी इस सम्मेलन में देश विदेश के प्रसिद्ध सितार वादकों द्वारा अपनी कला के माध्यम से पंडित निखिल बैनर्जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन डीपीएमआई के चेयरमैन डॉ. विनोद बछेती द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. बछेती ने वंडर्स इंडिया संस्था की चेयरपर्सन एवं इस सम्मेलन की डायरेक्टर श्रीमती काजल जोशी के प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी कला संस्कृति के प्रचार प्रसार एवं संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं।

इस तीन दिवसीय संगीत सम्मेलन में देश के कई प्रख्यात सितार वादकों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिनमें से डॉ. अनिंदिता मित्रा, शुभो चक्रवर्ती, असित पॉल,  पं नरेश कुमार वायर और चंद्रशेखर फांसे ने अपने उच्च कोटि के कला प्रदर्शन द्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा प्रसिद्ध तबला वादक पंडित सौमित्र जीत चैटर्जी, आशीष राय चौधरी, मृणमय सरकार, गुरु संत सिंह और ओम जी कुमावत ने भी अपनी उत्कृष्ट कला द्वारा संगीतांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर संस्था की चेयर पर्सन और प्रसिद्ध सितार वादक श्रीमती काजल जोशी ने कहा कि उन्होंने पंडित निखिल बनर्जी की शिष्य परंपरा के अंतर्गत सितार वादन की शिक्षा ली है। गुरु परंपरा के निर्वहन हेतु उन्हें इस कार्यक्रम की प्रेरणा मिली और वह इस सम्मेलन को पिछले कई वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित करती आ रही हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से वह पंडित जी की महान सांस्कृतिक विरासत को जनमानस तक और मुख्य रूप से आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम रही हैं। काजल जोशी पिछले कई वर्षों से भारतीय शास्त्रीय संगीत और भारतीय लोक संस्कृति की धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं।