NPS Black Day

एक ओर जहां पूरा देश 01 जनवरी के दिन का नववर्ष के रूप मे गर्मजोशी से स्वागत करेगा। वहीं दूसरी ओर देश के लाखों एनपीएस कार्मिक नए साल का पहला दिन यानी 01 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाएंगे।  पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि यह तब निरंतर चलता रहेगा जब तक एनपीएस काला कानून व्यवस्था खत्म नहीं होती और पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं होती।

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को देश में एनपीएस काला कानून लागू करके देश के एनपीएस कार्मिकों को बाजार आधारित एनपीएस पेंशन व्यवस्था के लिए अनिवार्य रूप से लागू कर दिया।  जो एनपीएस काला कानून कार्मिकों के हित में न होकर कष्ट कारी है। जो बुढ़ापे का सहारा नहीं हो सकता। एनपीएस काला कानून व्यवस्था को खत्म कराने के किए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सयुक्त मोर्चा लगातार देश भर में आंदोलन कर रहा है। जिसमे कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी, डाक्टर, नर्स पुलिस कर्मी, रेलवे कर्मी, बैंक कर्मी, सफाई कर्मी, पैरा मिलिट्री के जवानों के हित में पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए देश की सड़को पर लगातार संघर्ष किया जा रहा है। जिसमे सभी राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली मांग को जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायक के माध्यम से बार-बार अवगत कराया गया है।

राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को ज्ञापन के माध्यम से जोर देकर भी अवगत कराया गया है। जिसमे असम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना, हिमंचल, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश सहित अन्य सभी राज्यों में बड़े आंदोलन कार्यक्रम आयोजित किए गए है। इसी क्रम में 1 जनवरी को देश के सभी एनपीएस कार्मिक अपने कार्यालय, विद्यालय, कालेजों में एनपीएस काला कानून का विरोध करते हुए काली पट्टी बांध कर एनपीएस के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए पुरानी पेंशन बहाली मांग पर जोर देकर कार्यक्रम सफल बनाने में सहयोग करेगे। जिसमे संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, राकेश कंधारिया, डा. पंकज प्रजापति, नरेंद्र गोहिल, अनिल स्वदेशी, सीताराम पोखरियाल, अछूतानंद हजारिका, मृग नयनी सलाथिया, अजय कुमार द्विवेदी, पंकज सिंह, विमलेश कुमार, गजराज सिंह, श्याम सुन्दर शर्मा, शोभनाथ यादव, बसंत चतुर्वेदी, गुलजुबेर डेंग, राजेश शर्मा, संपत कुमार स्वामी डा. पुरुषोत्तम को मुख्य रूप से जिम्मेदारी सौंपी गई है।