Former ISRO Chairman Dr. K. Sivan

ग्रेटर नोएडा : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी शक्ति है, जो विश्व स्तर पर हर उद्योग में क्रांति ला रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसकी महत्ता को समझते हुए जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी परिसर में एनवीडिया एआई लर्निंग एंड रिसर्च सेंटर की स्थपना की गई है। इसका उद्घाटन बुधवार को इसरो के पूर्व चेयरमैन व देश के जाने- माने साइंटिस्ट डॉ. के. सिवन ने किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. के. सिवन ने कहा कि छात्रों को सदैव नई चीजों को सीखने के लिए उत्साहित रहना चाहिए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक नया क्षेत्र है और भविष्य में यह बहुत व्यापक होने वाला है। इसलिए छात्रों को इसकी तैयारी में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रयोग सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन-जीवन उन्नत बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कई तरह के उदहारण देकर इस बात को विस्तार पूर्वक समझाया। इस दौरान डॉ. सिवन ने अपने अनुभवों को भी सांझा किया। मिशन चंद्रयान-टू के बारे में भी बताया।

वहीं संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा कि जीएल बजाज संस्थान बेहतरीन संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एआई के क्षेत्र में यह पहला कदम है। संस्थान बाहर के लोगों को भी ट्रेनिंग उपलब्ध करने की मंशा रखता है। उन्होंने कहा कि इंस्डस्ट्री के साथ मिलकर फैकल्टी के लिए भी ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस सेंटर में लगने वाला सर्वर 2 करोड़ रुपए का है तथा इसकी क्षमता एक आम सर्वर के मुकाबले 250 गुणा ज्यादा है। इसका उपयोग आमतौर पर एआई क्षेत्र में कार्यरत बड़ी कंपनियां करती हैं। कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर मानस कुमार मिश्रा ने कहा कि आने वाले समय में करीब 97 मिलियन नई नौकरियां एआई के क्षेत्र में आएंगी। ऐसे में शिक्षण संस्थानों के लिए यह आवश्यक है कि वे एआई के क्षेत्र  में बेहतरीन इन्फ्रस्टरक्चर तैयार करें तथा एआई क्षेत्र में स्किल्ड वर्क फोर्स तैयार करने में जुट जाएं। कार्यक्रम में संस्थान के सीईओ कार्तिकेय अग्रवाल,निदेशक प्रोफेसर मानस कुमार मिश्रा, एनवीडिया टीम से श्रीधर गार्गे, हेड बिजनेस स्ट्रेटेजी अभिषेक अग्रवाल,डॉ. मनोज कुलश्रेष्ठ, डीआर डीओ की डॉ. अनिता सिंह आदि मौजूद रहे।

फेल होते समय भी आप कुछ नया और कुछ महान कर सकते हो : डॉ. के सिवन

इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा कि यदि आपने सच्ची लगन और मेहनत से लक्ष्य पाने के लिए कार्य किया है और इसके बाद भी आप फेल हो रहे होते हो, तब भी आप कुछ न कुछ नया और महान कर जाते हो। उन्होंने कहा कि कोई भी काम असंभव नहीं है। बस निरंतर उसे स्टेप बाई स्टेप करते रहो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय योजनाओं में अपनी रिसर्च से योगदान कर देश की सेवा कर सकते हैं।

विद्यार्थियों को इसरो के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इसरो में केवल रॉकेट बनाने पर 20 फीसदी ही कार्य होता है, जबकि सेटलाइट बनाने में केवल पांच फीसदी ही कार्य होता है, जबकि 45 फीसदी कार्य एप्लीकेशन या अन्य चीजों के लिए होता है। ऐसे में आप वर्चुअल रियलिटी, एआई, डीप लर्निंग जैसे क्षेत्र से जुड़कर इसरो से जुड़ सकते हैं। उन्होंने कहा आने वाले समय में करीब 97 मिलियन नई नौकरिया एआई के क्षेत्र में आएंगी। उन्होंने इसरो की कार्यशैली और विक्रम साराभाई के बारे में भी बताया।

प्रधानमंत्री मोदी का कई बार किया जिक्र

पूर्व इसरो चीफ डॉ. सिवान ने अपने संबोधन में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में स्पेस प्रोग्राम को बढ़ावा देने और देश में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का बड़ा योगदान है।