हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा आगामी गणतन्त्र दिवस के आगमन पर 10 जनवरी को लाल किले पर आयोजित हुये अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में राष्ट्र के नामचीन, सुविख्यात व स्थापित मंचीय कवियों के सानिध्य में किया गया काव्य पाठ यादगार रहा। हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मनीष सिसोदिया (उप मुख्य मंत्री, दिल्ली राज्य सरकार) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा पूर्व सांसद व राष्ट्रीय वरिष्ठ कवि उदय प्रताप सिंह ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कवि सम्मेलन का कुशल संचालन युवा सुप्रसिद् कवि चिराग जैन ने किया।
हिंदी अकादमी दिल्ली के सचिव जीत राम भट्ट के संयोजन में आयोजित हुये इस सुविख्यात कवि सम्मेलन की सफलता का प्रमाण था कि दिसंबर माह की कड़कड़ाती ठंड में भी रात्रि साढ़े तीन बजे तक पण्डाल श्रोताओं से खचाखच भरा रहा व तालियों की गूंज से लाल किले का परिसर गुंजायमान रहा। वरिष्ठ कवि सुरेन्द्र शर्मा के सानिध्य में संपादित इस कवि सम्मेलन की गरिमा व भव्यता का अनुमान उन्हीं के शब्दों से परिलक्षित होता है कि लाल किले का यह राष्ट्रीय कवि सम्मेलन मात्र कवि सम्मेलन ना होकर प्रमाणपत्र व सर्टिफिकेट होता है कि यंहा आमन्त्रित कवि गण राष्ट्र के सुविख्यात व प्रसिद्धि कवि के रूप में स्थापित हैं।
लाल किले के गणतन्त्र दिवस के इस गौरवमयी व सौभाग्यशाली राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में पण्डित सुरेश नीरव जी, महेन्द्र अजनबी, शहनाज हिंदुस्तानी, हेमंत श्रीमाल, संपत सरल, मदन मोहन समर, मंजीत सिंह, तेज नरायण शर्मा, राजेन्द्र राजन, श्रीमती पद्मिनी शर्मा आदि सुविख्यात कवियों के साथ आपके अनुज को भी काव्य पाठ का अवसर प्राप्त हुआ। इस अविस्मरणीय क्षण के कुछ छाया चित्र आपके संज्ञान हेतु प्रेषित कर मैं प्रसन्नता अनुभव कर रहा हूं।
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