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नोएडा: जनपद में बढ़ते कोविड संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ज्यादातर काम ऑनलाइन करने के प्रयास में है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के फार्म ऑनलाइन भरे जाने को वरीयता दी जा रही है। विभाग ने आनलाइन प्रक्रिया बढ़ाने के लिए जहां आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिये हैं वहीं पात्र लाभार्थियों से भी योजना का लाभ लेने के लिए फार्म ऑनलाइन भरने की अपील की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया वर्तमान में भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए लाभार्थियों से योजना के फार्म एकत्र कर रही हैं। कोविड संक्रमण को देखते हुए इस समय यह काम जोखिम भरा है, इसलिए जो पात्र लाभार्थी हैं उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इससे उन्हें और विभाग दोनों को सुविधा रहेगी।

उन्होंने बताया – कोविड संक्रमण  को देखते हुए पात्र लाभार्थियों से अपील की गई है कि वह अपने फार्म ऑनलाइन भरें। इससे समय की बचत होगी और लाभार्थी को योजना का लाभ भी जल्दी मिल जाएगा।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं योजना के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया- आशा कार्यकर्ताओं को भी विभाग की ओर से निर्देश दिये गये हैं कि वह ऑनलाइन फार्म भरने के लिए क्षेत्र में लाभार्थियों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा – यदि लाभार्थी समर्थ है तो उसे ऑनलाइन फार्म भरने के बारे में बताएं, जिससे कोविड काल में भी योजना का लाभ निरंतर मिलता रहे।

योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस गुप्ता ने बताया- ऑनलाइन आवेदन करने के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के pmmvy. Cas. In पोर्टल पर जाकर लॉगिन करें तथा अपनी मेल आईडी का मोबाइल नंबर के माध्यम से इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करें। जब आपका रजिस्ट्रेशन इस योजना में हो जाएगा तब संबंधित जानकारी जैसे अंतिम- मासिक चक्र (एलएमपी) की तिथि, मोबाइल नंबर तथा लाभार्थी का वर्तमान पता और संबंधित ब्लॉक की जानकारी भरनी है। यह सभी जानकारी संबंधित ब्लाक के डाटा एंट्री ऑपरेटर के पास ऑनलाइन पहुंच जाएगी, फिर आगे की कार्यवाही विभाग करेगा। उन्होंने बताया ऑनलाइन प्रक्रिया होने से समय की बचत तो होगी ही साथ ही योजना का लाभ भी जल्दी मिल जाएगा।

योजना के तहत तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये :

जिला कार्यक्रम समन्वयक   ने बताया – पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। पंजीकरण के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं ।