Congress leader Navjot Singh Sidhu released from jail

करीब 10 महीने से पंजाब की पटियाला जेल में बंद कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू रिहा हो गए हैं। सिद्धू की रिहाई के लिए सुबह ही पटियाला जेल के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ता समेत सैकड़ों उनके शुभचिंतक पहुंच गए थे। ‌लेकिन कागजी कार्रवाई होने के चलते उनकी रिहाई शनिवार शाम करीब 5:30 बजे हुई।

रोड रेज के मामले में सिद्धू को 19 मई साल 2022 को एक साल की सजा हुई थी, लेकिन आज उन्हें एक साल पूरी होने से करीब 48 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया। इस दौरान जेल के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ जुटी नजर आई। ढोल-नगाड़ों से उनका स्वागत किया गया। शुक्रवार को सिद्धू हैंडल से उनके रिहाई की जानकारी दी गई थी। जेल से बाहर निकलते ही कांग्रेस नेता सिद्धू ने सरकार पर हमला बोला। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, देश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं बची है।

पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। सिद्धू ने सरकार को चुनौती दी कि पंजाब को कमजोर करने की कोशिश की तो खुद कमजोर हो जाओगे। बता दें कि 1988 में पंजाब के पटियाला में गाड़ी पार्किंग को लेकर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से सिद्धू का विवाद हो गया था। इस विवाद में सिद्धू ने गुरनाम सिंह पर घूंसे बरसाए थे, जिससे बाद गुरनाम की मौत हो गई थी। मृतक गुरनाम सिंह के परिजनों ने 2010 में एक चैनल के शो में सिद्धू द्वारा गुरनाम को मारने की बात स्वीकार करने की सीडी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।

रोड रेड से जुड़े मामले में सितंबर 1999 में पंजाब की निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन दिसंबर 2006 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू और एक अन्य को गैर-इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को गैर-इरादतन हत्या के आरोपों से बरी करते हुए पीड़ित को चोट पहुंचाने का दोषी करार देते हुए एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरनाम सिंह के परिजनों ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी। इसी रिव्यू पिटीशन की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 19 मई 20 22 को सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई थी। लेकिन आज उन्हें एक साल पूरी होने से करीब 48 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया।