Democratic-Azad-Party

कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बना ली है। आजाद ने नवरात्रि के पहले दिन सियासत में नई शुरुआत की। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा है। आजाद ने बताया- मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के झंडे को दिखाते हुए कहा कि, “सरसों का रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है, सफेद शांति को इंगित करता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को इंगित करता है।

कांग्रेस छोड़ने के बाद भी गुलाम नबी आजाद ने प्रदेश का दौरा किया था। इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी के लिए समर्थकों के साथ चर्चा की थी और दिल्ली में पार्टी के नाम को लेकर मंथन किया था। उन्होंने बताया था कि नई पार्टी की विचारधार उनके नाम की तरह होगी और इसमें सभी धर्मनिरपेक्ष लोग ही शामिल हो सकते हैं । वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे।

इस्तीफा देने के साथ आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने उसमें राहुल गांधी पर हमला बोला था। उन्होंने खत में राहुल पर बचकाना व्यवहार करने का आरोप लगाया था और कांग्रेस की ‘खस्ता हालात’ और 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था। सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा था, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी।