Uttar Pradesh Chief Secretary Rajendra Kumar Tiwari

नोएडा : सर्दियों में कोविड-19 के मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां जारी रखना आवश्यक है।  इसलिए अब माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। कंटेनमेंट जोन में कड़ी निगरानी के साथ केवल जरूरी गतिविधियां ही संचालित हों। कंटेनमेंट जोन की जानकारी जिलाधिकारी राज्य की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे, ताकि कंटेनमेंट जोन के बारे में सभी को जानकारी रहे। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज करने और सामाजिक दूरी के मानकों का सख्ती से पालन कराया जाए। मुख्य सचिव ने सार्वजनिक परिवहन के साधनों और साप्ताहिक बाजारों में सख्ती से कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए कंटेनमेंट जोन का प्रभावी ढंग से चिन्हीकरण किया जाना बहुत जरूरी है। सार्वजनिक स्थनों पर मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना लगाए जाने की बात भी उन्होंने कही है। मुख्य सचिव द्वारा भेजे गये पत्र में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है।

मुख्य सचिव की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित प्रोटोकाल के मुताबिक कोविड-19 की जांच की जाए। पॉजिटिव आने वाले लोगों को तत्काल आइसोलेट करते हुए उनका इलाज शुरू किया जाए। जरूरी होने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाए। पॉजिटिव आने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वालों का चिन्हीकरण, ट्रेसिंग, क्वॉरेंटाइन के साथ ही 14 दिनों तक लगातार उसके स्वास्थ्य के बारे में फॉलोअप किया जाए। 80 प्रतिशत संपर्क चिन्हित किए जाने का काम 72 घंटे में पूरा कर लिया जाए।

 बच्चे-बुजुर्ग और बीमार लोग घरों में ही रहें :

संवेदनशील श्रेणी में आने वाले जैसे 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती  और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी को छोड़ कर घर से बाहर न निकलें। जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर गाइडलाइन का पालन कराएंगे। आईएलआई (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के लक्षण आने पर निरंतर निगरानी रखते हुए चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्य सचिव ने बफर जोन में फीवर क्लीनिक अथवा मोबाइल चिकित्सा यूनिट को भी सक्रिय करने को कहा है। उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रति निरंतर जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिये हैं।