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नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। बीते 16 अप्रैल को नई दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले रोहित शेखर तिवारी को उनकी पत्नी और माँ दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में लेकर आई थी। परन्तु डॉक्टरों के अनुसार रोहित की मौत अस्पताल पहुँचने से पहले ही हो चुकी थी। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के कारण दिल्ली पुलिस ने इस केस की जांच शुरू की।

इस बीच दिल्ली एम्स अस्पताल के पांच डॉक्टरों के पैनल ने रोहित का पोस्टमार्टम किया। परन्तु पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी रोहित की मौत का मामला उलझता जा रहा है। दरसल पोस्टमार्टम पैनल में शामिल 5 डॉक्टरों की तरफ से रोहित के मौत की अलग-अलग वजहें बताई जा रही हैं। कुछ का कहना है कि रोहित शेखर की मौत दम घुटने से हुई है। एक डॉक्टर ने इसे नेचुरल डेथ भी बताया है। जबकि ज्यादातर डॉक्टर इसे उननेचुरल डेथ मान रहे हैं। वहीँ जाँच में पता चला है कि मौत से ठीक पहले रोहित घर में 16 घंटे तक सोते रहे और इस बीच किसी ने उनकी सुध नहीं ली। इस बात से भी रोहित की मौत संदिग्ध लग रही है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच ने हत्या का केस अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया है। वहीँ रोहित की माँ उज्वला ने मौत का कारण डिप्रेशन बताया था।

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