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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

संसद सत्र के दौरान विपक्ष की ताकत बढ़ जाती है। इस बार भी मानसून सत्र में विपक्ष के नेता केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। सत्र के दौरान विपक्ष हमेशा से सत्ता पक्ष की नीतियों और फैसलों को लेकर सवाल उठाता रहा है। सरकार को घेरने के लिए समूचे विपक्ष को संसद के सत्र का ‘बेसब्री’ से इंतजार भी रहता है। सत्र के दौरान विपक्ष के नेता लोकसभा-राज्यसभा में सरकार से सीधे जवाब भी मांगते रहे हैं। एक कारण यह भी है कि विपक्ष के पास ‘खोने’ के लिए कुछ खास नहीं रहता है। तभी विपक्षी दल बेधड़क होकर तमाम मुद्दों पर असंतुष्ट होते हुए पूरी सरकार को ही ‘कटघरे’ में खड़ा कर देते हैं। सत्र का आज दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा। विपक्ष जासूसी कांड को लेकर सरकार की चौतरफा घेराबंदी करने में जुटा है। विपक्षी नेताओं के शोर-शराबे के कारण आज भी राज्य सभा की कार्यवाही 12 बजे तक और लोकसभा की दो बजे तक बैठक स्थगित करनी पड़ी । इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, जासूसी कांड पर सरकार की घेराबंदी के बहाने विपक्ष कोरोना पर चर्चा से भाग रहा है। पीएम ने ये भी कहा कि कांग्रेस सब जगह खत्म हो रही है, लेकिन उनको अपनी नहीं बीजेपी की चिंता है। सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में भी विपक्ष ने पहले दिन से ही केंद्र सरकार कई आरोप मढ़ दिए। इजराइल की सॉफ्टवेयर ‘पेगासस फोन हैकिंग’ मामले में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार को ‘गिरफ्त’ में ले लिया है। इसके अलावा कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पिछले वर्षों से कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते आ रहे हैं। इसके अलावा राहुल गांधी सरकार की वैक्सीन नीति की आलोचना करते आ रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार की नीति में खामियों के चलते अब तक देश का एक बड़ा वर्ग वैक्सीन से वंचित है। इसी को लेकर राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे तौर पर जवाब भी मांग रहे हैं। मानसून सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस समेत विपक्ष को कोविड-19 और वैक्सीनेशन समेत तमाम मुद्दों पर जवाब देने के लिए मूड बना लिया है। इसी सिलसिले में आज एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। बैठक शाम छह बजे संसद भवन की एनेक्सी बिल्डिंग में बुलाई गई है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीनेशन समेत कई मुद्दों पर विपक्षी नेताओं को जवाब भी दे सकते हैं। पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया है। आज शाम आयोजित होने वाली बैठक में विपक्षी नेताओं को स्वास्थ्य मंत्रालय देश में अब तक हुए कोरोना टीकाकरण और इस मुद्दे पर सरकार की नीति को लेकर पूरा ब्योरा देगा। लेकिन मानसून सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया हुआ है उससे लगता नहीं है इस सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के तेवर नरम पड़ेंगे।

संसद सत्र शुरू होने से पहले भी पीएम मोदी ने बुलाई थी विपक्षी नेताओं की बैठक

दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य तीन नए कृषि कानूनों, महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते दिखे। कुछ विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी की। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस जासूसी मामले में आई खबरों का खंडन करते हुए सदन में बयान दिया और इन खबरों को भारतीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का प्रयास बताया। लेकिन अभी विपक्ष फोन टैपिंग मामले में नरम रुख अख्तियार करने के मूड में नहीं है। बता दें कि बीते दिन रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। बैठक के दौरान विपक्ष ने अपने-अपने सुझाव दिए और बताया कि किन-किन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर पीएम मोदी ने स्पष्टता के साथ कहा कि सरकार हर विषय पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन संसद सत्र से पहले बुलाई जाने वाली सर्वदलीय बैठक में भले ही विपक्ष अपनी भागीदारी करता रहा हो लेकिन सत्र के दौरान सरकार के कामकाज पर जरूर उंगली उठाता रहा है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। शोर-शराबा इतना बढ़ जाता है कि संसद की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ती है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाने की सारी हदें भी पार हो जाती हैं। सरकार की ओर से आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि पहले डिस्कसन उसके बाद प्रेजेंटेशन, अगर वे डिस्कसन नहीं चाहते और सभी सांसदों को प्रेजेंटेशन देना है तो सेंट्रल हाल में दें।