Swapnil medal in Paris Olympics

Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक में भारत के स्वप्निल कुसाले ने इतिहास रच दिया है। स्वप्निल ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में भारत को कांस्य पदक दिलाया है। यह इस ओलंपिक में शूटिंग में भारत को तीसरा पदक है। स्वप्निल से पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। वहीं, मनु ने सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में भी कांस्या अपने नाम किया था। स्वप्निल महिला या पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं।

स्वप्निल का पदक अप्रत्याशित था, क्योंकि किसी ने उन्हें पदक की दौड़ में नहीं रखा था। हालांकि, उन्होंने सभी को चौंकाते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। राइफल थ्री पोजिशन में निशानेबाज तीन पोजिशन में निशाना लगाता है। इनमें नीलिंग यानी घुटने के बल बैठकर, प्रोन यानी पेट के बल लेटकर और स्टैंडिंग यानी खड़े खड़े शॉट लगाया जाता है। स्वप्निल नीलिंग और प्रोन तक पीछे चल रहे थे। हालांकि, स्टैंडिंग पोजिशन में स्वप्निल ने गजब का कमबैक किया और पदक अपने नाम किया।

50 मीटर राइफल 3 पोजीशन शूटिंग के क्वालिफिकेशन राउंड बुधवार को खेले गए। भारतीय शूटर स्वप्निल कुसाले ने कुल 590 के स्कोर के साथ फाइनल में जगह बनाई। उन्होंने नीलिंग में 198, प्रोन में 197 और स्टैंडिंग 195 का स्कोर किया। कुसाले गुरुवार को भी भारत की करोड़ों उम्मीदों पर खरे उतरे और देश को मेडल दिला दिया।

भारत के लिए ओलंपिक में पहला मेडल 2004 में राज्यवर्धन राठौड़ ने दिलाया था। उन्होंने एथेंस ओलंपिक में यह मेडल जीता था। इसके बाद बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने सोने पर निशाना साधा। साल 2012 में बीजिंग ओलंपिक में भारत के दो शूटर मेडल लेकर आए। विजय कुमार ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद शूटर्स को ओलंपिक मेडल जीतने के लिए 12 साल का इंतजार करना पड़ा। ओलंपिक में 3 मेडल जीतकर भारतीय शूटर्स ने पिछले कुछ साल की नाकामी की भरपाई कर दी है। अब अगर एक गोल्ड आ जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। उम्मीद है भारतीय शूटर भारत को इस बार गोल्ड भी दिलाएंगे।

कौन हैं स्वप्निल कुसाले:

पुणे में जन्मे भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर 3-पोजिशन स्पर्धा में भारत को ऐतिहासिक कांस्य पदक दिलाया है। वह इस स्पर्धा में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले एथलीट हैं। वह क्वालिफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहे थे। फाइनल में भी नीलिंग और प्रोन राउंड के बाद स्वप्निल छठे स्थान पर चल रहे थे। स्टैंडिंग पोजिशन में उन्होंने जबरदस्त वापसी की और अपने पहले ही ओलंपिक में भारत को पदक दिलाया। कुसाले ने क्वालिफिकेशन राउंड में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और 60 शॉट में 590 अंक के साथ शीर्ष आठ निशानेबाजों में स्थान हासिल किया था, जिसमें 38 इनर 10 शामिल हैं।

6 अगस्त 1995 को पुणे में जन्मे स्वप्निल कुसाले कृषि पृष्ठभूमि से आते हैं। स्वप्निल ने शूटिंग में अपनी यात्रा 2009 में शुरू की, जब उनके पिता ने उन्हें महाराष्ट्र के क्रीड़ा प्रबोधिनी में दाखिला दिलाया, जो एक प्राथमिक खेल कार्यक्रम है। एक साल के गहन प्रशिक्षण के बाद, स्वप्निल ने अपने खेल करियर के रूप में शूटिंग को चुना। उनके समर्पण और प्रतिभा को जल्द ही पहचान लिया गया और 2013 में उन्हें लक्ष्य स्पोर्ट्स से प्रायोजन मिला।

शूटिंग की दुनिया में कुसाले की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उन्होंने कुवैत में 50 एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में 3 मीटर राइफल प्रोन 2015 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने गगन नारंग और चैन सिंह जैसे प्रसिद्ध निशानेबाजों को पीछे छोड़ते हुए तुगलकाबाद में 59वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप जीती थी। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में 61वीं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में इस सफलता को दोहराते हुए 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में एक और स्वर्ण पदक हासिल किया।

स्वप्निल काहिरा में 2022 विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे थे, जिससे भारत के लिए ओलंपिक कोटा स्थान अर्जित किया था। पुणे में जन्मे निशानेबाज ने 2022 एशियाई खेलों में टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और बाकू में 2023 विश्व कप में मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक के साथ-साथ व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में दो रजत पदक जीते।