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देश में एंबेसडर कार का सम्मान के साथ सबसे अधिक रुतबा रहा है। अफसरों, विधायक, मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की यह शान की सवारी हुआ करती थी। इसके साथ एंबेसडर कार का 70 के दशक में सड़कों पर एकछत्र राज कायम रहा। लेकिन बदलते समय के साथ यह शाही कार अपने आप को बदल नहीं सकी। साल 2000 के आते-आते देश में इसकी चमक कम होती चली गई। ‌आखिरकार साल 2014 में इस कार का उत्पादन हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

अब एक बार फिर से कभी भारतीय सड़कों की बेताज बादशाह रही एंबेसडर कार फर्राटा भरने की तैयारी कर रही है। लेकिन इस बार एंबेसडर आपको पुराने रंगरूप में नहीं दिखेगी, बल्कि इसका नया अंदाज सामने आएगा । हिंद मोटर फाइनेंशियल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फ्रांस की कंपनी प्यूजो मिलकर एंबेसडर की डिजाइन पर काम रही हैं।

एंबेसडर के नए मॉडल को हिंदुस्तान मोटर्स के चेन्नई प्लांट में बनाया जाएगा। 2 साल के भीतर यह कार सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आ सकती है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन जिस प्रकार से तैयारी हो रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह शाही कार एक बार फिर से सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएगी।

कंपनी ने साल 2014 में एंबेसडर कार का उत्पादन बंद कर दिया था

देश में मंत्रियों, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की यह पसंदीदा कार हुआ करती थी। ‌एंबेसडर कार ने भारतीय बाजार में करीब 7 दशक तक अपना राज कायम किया। बता दें कि हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर ब्रिटिश कार मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज III पर बेस्ड थी। इसे 1957 में लॉन्च किया गया था‌। पॉपुलर कार भारत में जल्द ही एक स्टेटस सिंबल बन गई। यह देश में दशकों तक सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बनी रही।

90 के दशक में देश में मारुति कार के आने के बाद इसका जादू कम हो गया । 57 साल के बाद हिंदुस्तान मोटर्स ने 2014 में कार का निर्माण बंद कर दिया। यह पश्चिम बंगाल के उत्तरपारा में स्थित एचएम के प्लांट से निकलने वाली आखिरी कार थी। इस दौरान कंपनी भारी कर्ज और एंबेसडर की मांग में गिरावट से जूझ रही थी। हिंदुस्तान मोटर्स के ऑनर सीके बिड़ला ग्रुप ने इस कार ब्रांड को 2017 में 80 करोड़ रुपये में फ्रेंच कंपनी को बेच दिया था। अब एक बार फिर से इस एंबेस्डर कार ने भारतीय सड़कों पर उतरने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

शंभू नाथ गौतम