आज बॉलीवुड के शहंशाह, बिग बी, एंग्री यंगमैन अमिताभ बच्चन का जन्मदिवस है। अमिताभ आज 80 साल के पूरे हो गए हैं। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के घर अमिताभ का जन्म हुआ था। हरिवंश राय बच्चन ने उनका नाम पहले इंकलाब रखा था। फिर कवि सुमित्रानंदन पंत के कहने पर उनका नाम बदलकर अमिताभ रखा गया।

अमिताभ की शुरुआती पढ़ाई नैनीताल फिर दिल्ली में हुई। वह अपनी जिंदगी में एक्टर नहीं बल्कि इंजीनियर बनना चाहते थे, साथ ही एयरफोर्स में जाने का भी सपना था। पढ़ाई के बाद वह नौकरी करने के लिए कोलकाता (कलकत्ता) आ गए। एक्टिंग से पहले अमिताभ बच्‍चन ने कोलकाता की बर्ड एंड कंपनी में नौकरी की थी। उन्‍हें पहली सैलेरी 500 रुपये मिली थी।  लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा और अपने सपने को सच करने के लिए साल 1967 में (बंबई) मुंबई पहुंच गए। फिर उन्होंने बॉलीवुड में स्थापित होने के लिए संघर्ष किया।

साल 1969 में ‘सात हिंदुस्तानी’ से शुरू हुआ फिल्मों का सफर “ब्रह्मास्त्र और गुडबाय” तक जारी है। बता दें कि ख्वाजा अहमद अब्बास की फ‍िल्‍म सात हिंदुस्तानी से अमिताभ बच्चन ने डेब्यू किया था। इस फिल्म को साइन करते वक्‍त जब उन्‍हें पता चला कि वह हरिवंश राय बच्चन के बेटे हैं तो उन्‍होंने कॉन्ट्रेक्ट पर साइन करने से रोक दिया। निर्देशक अब्बास ने कहा कि पहले उनके पापा से इजाजत लेनी होगी। उसके बाद पिता हरिवंश राय बच्चन ने इजाजत दी थी तब अमिताभ बच्चन ने फिल्म साइन की । अमिताभ बच्चन के 80वें जन्मदिन पर फैंस सोशल मीडिया पर बधाइयां दे रहे हैं।

इन दिनों अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति को होस्ट कर रहे हैं। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई और शुभकामनाएं देकर उनके दीर्घायु जीवन की कामना की है। प्रधानमंत्री ने अपनी बधाई ट्वीट कर दी है। मुंबई के जलसा बंगले पर सोमवार की रात अमिताभ बच्चन को जन्मदिवस पर बधाई देने हजारों लोग पहुंचे। शहंशाह ने भी अपने फैंस को निराश नहीं किया और बाहर आकर अभिवादन स्वीकार किया।

पर्दे पर अमिताभ बच्‍चन 53 साल पूरे कर चुके हैं और इन सालों में उनके नाम सबसे ज्‍यादा ब्‍लॉकबस्‍टर फ‍िल्‍मों का र‍िकॉर्ड दर्ज है। चाहे उनकी शुरुआती फ‍िल्‍म जंजीर, दीवार, शराबी, मर्द, अमर अकबर एंथॉनी, स‍िलस‍िला, नमक हलाल, मिस्‍टर नटवरलाल, सूर्यवंशम हों या हाल के सालों में आई 102 नॉट आउट, पीकू या वजीर हों, अमिताभ की एनर्जी और काम करने के प्रति लगन एक ही जैसी द‍िखी। करीब आधी सदी से अमिताभ बच्‍चन न केवल हिंदुस्तान बल्कि दुनिया के कई देशों में दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं। अमिताभ बच्चन बॉलीवुड ही नहीं बल्कि सदी के महानायक के रूप में उभरे।

पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी से अमिताभ को कोई खास फायदा नहीं मिला

फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ 1969 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म अमिताभ के लिए कोई खास फायदा नहीं कर सकी केवल उनकी पहचान बन गई। इस बीच उन्होंने कई फिल्मों में काम किया लेकिन सभी फ्लॉप गईं। अमिताभ के करियर की शुरुआत में बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का डंका बज रहा था। 1973 ऐसा साल था जो महानायक को ‘बुलंदियों’ पर ले गया। इसी साल डायरेक्टर प्रकाश मेहरा निर्देशित फिल्म ‘जंजीर’ में पुलिस इंस्पेक्टर की उनकी भूमिका ने उन्हें ‘एंग्री यंगमैन’ बना दिया। इस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार नए कीर्तिमान स्थापित करते गए। अमिताभ बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ बन गए। ‘लाखों-करोड़ों प्रशंसकों को भी एक ऐसा अभिनेता मिल गया जिसकी वह तलाश कर रहे थे’। उसके बाद फिल्मी पर्दे पर अमिताभ की दीवानगी सर चढ़कर बोलने लगी। यश चोपड़ा निर्देशित ‘दीवार’ और जेपी सिप्पी निर्देशित ‘शोले’ फिल्म ने उन्हें एक महान अभिनेता के तौर पर गढ़ दिया। उसके बाद डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, अमर अकबर एंथोनी, कालिया, सिलसिला, शराबी, कुली शहंशाह, और अग्निपथ, खुदा गवाह फिल्मों ने ही अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक बना दिया।

अमिताभ की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत उनके डायलॉग थे। अपने फिल्मी करियर में अमिताभ बच्चन को सैकड़ों पुरस्कार से नवाजा गया है। साल 2020 में अमिताभ को दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिल चुका है। ‌ वहीं साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद अमिताभ बच्चन ने राजीव गांधी के कहने पर इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा और जीते भी थे। लेकिन 2 साल बाद ही अमिताभ बच्चन ने राजनीति दूरी बना ली थी।

53 साल के फिल्मी करियर में अमिताभ ने कई उतार-चढ़ाव देखे

53 साल के फिल्मी करियर में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। ‌ साल 1982 में फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान में पेट में घूंसा लग जाने के बाद अमिताभ बच्चन गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। महीनों तक इलाज चलने के बाद अमिताभ बच्चन को दोबारा जिंदगी मिली थी। ‌अमिताभ बच्चन का बुरा दौर किसी से छिप नहीं सका। साल 1995 में अमिताभ बच्चन की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि मुंबई स्थित बंगला भी गिरवी रख उठा था। अपने कंगाल होने की बात छिपाने के लिए अमिताभ ने अपने घर जलसा की बाहरी मरम्मत करवाई और दरवाजा भी नया लगवाया, जिससे लोगों को लगे कि उनकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी है।

अमिताभ ने अपने दोस्तों को कॉल कर कहा कि वो अपनी लग्जरी गाड़ियां उनके पोर्टिको में पार्क करें, जिससे देखने वालों को लगे कि अमिताभ लग्जरी लाइफ जी रहे हैं। आज शहंशाह के पास लग्जरी गाड़ियों का बड़ा कलेक्शन है। अमिताभ के पास 11 लग्जरी गाड़ियां हैं, जिनमें रॉल्स रॉयल फैंटम, 2 बीएमडब्ल्यू, 3 मर्सडीज भी शामिल हैं। गाड़ियों के अलावा अमिताभ के पास 260 करोड़ का प्राइवेट जेट भी है। इसके अलावा शहंशाह के पास मुंबई में चार आलीशान बंगले भी हैं। जिसमें प्रतीक्षा, जलसा, जनक हैं। अभी कुछ दिनों पहले बिग बी ने मुंबई में एक और आलीशान अपार्टमेंट खरीदा है।