Human Rights and Crime Control Organization

आज के हाईटेक युग में भारत ही नहीं बल्कि लगभग पूरी दुनिया डिजिटल जिंदगी में रम गई है। विशेष तौर पर युवा पीढ़ी सोशल मीडिया के साथ ऑनलाइन के आदी हो गए हैं। या यूँ कहें कि यह युवाओं की कमजोरी भी हो गई है।  इस सोशल मीडिया के नए बाजार में खूब चकाचौंध है। युवाओं को ऑनलाइन का साथ खूब रास आ रहा है। फटाफट सब कुछ हासिल हो जाता है। फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि लोगों की कमजोरी बन गई है। ‌सोशल मीडिया जितना हमें दे रहा है उससे ज्यादा लोगों को ठग भी रहा है। साइबर ठग भी युवाओं को नए-नए झांसा देकर लूट रहे हैं। जिसकी वजह से कई युवाओं को बहुत कुछ गंवाना पड़ता है।

हालांकि सरकारें, साइबर क्राइम ब्रांच और मानव अधिकार और अपराध नियंत्रण संगठन आदि संस्थाएं ऐसे ठगों से युवाओं को बचने के लिए लोगों को जागरूक करते रहते हैं। इसके बावजूद साइबर ठग युवक-युवतियों को अपने जाल में फंसा ही लेते हैं। जब उन्हें होश आता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। जिसमें वह सब कुछ लुटा देते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि ऐसी घटनाओं का शिकार हुए लोग शर्म व बदनामी के दर से आत्म हत्या करने जैसे बड़े कदम उठा लेते हैं।

अगर आप भी किसी साइबर ठग के जाल में फंस गए हैं तो घबराइए मत निसंकोच इसका समाधान होगा। साइबर ठगी से जुड़े बहुरूपिया लोग फेसबुक या व्हाट्सएप से आज के लड़के-लड़कियों को दोस्ती करने के लिए संदेश भेजते हैं।‌ धीरे-धीरे वह अपना आपराधिक प्यार का जाल आगे बिछाते हैं। जब युवा वर्ग इनके झांसे में आ जाता है। तब यह लोग उसका अश्लील फोटो और वीडियो खींच लेते हैं। ‌उसके बाद शुरू हो जाती है इनका ब्लैकमेलिंग का खेल। जिसमे पीड़ित युवा बुरी तरह से फंस जाता है। साइबर ठग लड़के के फोटो, वीडियो को उसके घर वाले एवं रिश्तेदार को वायरल करने की धमकी देता है, और समझौता के तौर पर शुरुआती 20-30 हजार में कम रकम मांगता है, ताकि लड़के की नब्ज कमजोरी पकड़ सके, लड़का शर्म के कारण कहीं से मोबाइल बेच कर या दोस्तो से लेकर खाते में दे देता है।

उसके बाद फिर उसी गैंग का दूसरा ठग साइबर क्राइम ब्रांच महिला हेल्प लाइन बनकर लड़के को धमकाता है और उसके खिलाफ कई धाराएं बोल कर पुलिस स्टेशन तथा कोर्ट में बुलाने की गैर जमानत वारंट की बात कर डरा धमका देता है। और पीड़ित के माता पिता को बात करने  को बोलता है। और इसके एवज में पीड़ित से मोटी रक़म वसूलने को बोलता है। इसी तरह गैंग के कुछ अन्य सदस्य लड़की के मंगेतर, भाई बनकर पीड़ित के घर तक आने और मारने तक की धमकी देते हैं। जिस कारण पीड़ित युवक मानसिक रूप से इतनी दहशत में आ जाता है कि पुलिस में शिकायत करने से भी घबराता है और अपना संयम खोकर खुदख़ुशी कर जीवन लीला समाप्त करने लेता है। या फिर हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है।

पूरे देश में साइबर ठगों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क पिछले कई सालों से युवाओं को ऐसे ही फंसाने में और ठगने में लगा हुआ है। ऐसे लोगों से सावधान रहिए। मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के वरिष्ठ मीडिया प्रभारी हरीश असवाल ने बताया कि उनका संगठन इस तरह के मामलों में पीड़ितों की मदद करता है। उन्होंने बताया कि हमारे संगठन के सामने इस तरह के कई मामले आए हैं। जिस पर संगठन ने संज्ञान लेते हुए साइबर सेल की मदद से पीड़ित को इंसाफ दिलाया है। अगर धोखे से इनकी गिरफ्त में आ भी जाते हैं तो आप मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन दिल्ली में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ‌ इसके साथ तत्काल पुलिस में भी अपनी समस्या बता सकते हैं। इस तरह के शिकार हुए युवकों को घबराना नहीं बल्कि अपराध पर नियंत्रण करना होगा जिसके लिए मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन दिल्ली प्रदेश तत्पर सेवा में है।

हरीश असवाल
(वरिष्ठ मीडिया प्रभारी दिल्ली)
मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन
9711049008