Uttarakhand News : चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को इस बार विभिन्न यात्रा पड़ावों में स्थानीय उत्पाद भी खरीदने को मिलेंगे। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं। हर कोई यहां के उत्पाद एवं यादगार के तौर पर सोवेनियर इत्यादि ले जाना चाहता है। इसलिए इस बार सरकार की ओर से इसकी रूपरेखा तैयार की गई है।
उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की ओर से तैयार उत्पादों को बेचने के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर करीब 200 अस्थाई आउटलेट खोले जाएंगे। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में अस्थाई आउटलेट खोले जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन आउटलेट का पहले माह का किराया सरकार खुद वहन करेगी। वहीं महिला स्वयं सहायता समूह कैनॉपी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में वर्षभर चलने वाले उत्तरा और सरस सेंटर हैं, जहां से पहाड़ के उत्पादों को खरीदा जा सकता है। अधिकांश स्थानों पर अस्थाई आउटलेट खोलने का काम पूरा हो चुका है। इन आउटलेट्स के माध्यम से महिलाओं की आजीविका में बढ़ोतरी करना भी इसका उद्देश्य है।
लाल चावल से लेकर सोवेनियर तक मिलेंगे आउटलेट पर
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी के निर्देश के बाद प्रदेश की महिलाओं के द्वारा उत्पादन बढ़ाए जाने के लिए, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चारधाम यात्रा मार्ग पर समूह के लिए 200 अस्थायी आउटलेट खोले जा रहे हैं। प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी करीब 50 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह की 4 लाख रुपए से अधिक महिलाएं तमाम उत्पाद तैयार करती हैं। जिसमें पहाड़ की परंपरागत लाल चावल, मसाला, दाल, मसालों से लेकर, जूस, अचार, सोवेनियर (स्मृति चिन्ह), धूप-अगरबत्ती व पूजन सामग्री, ऐपण, काष्ठ सामग्री, हैंडलूम व हैंडक्राफ्ट से संबंधित उत्पाद प्रमुख रूप से शामिल हैं। उच्च गुणवत्ता के इन उत्पादों की डिमांड भी खूब रहती है। विशेषकर पहाड़ों के ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ लोग बहुत पसंद करते हैं। गणेश जोशी ने कहा कि अधिकांश स्थानों पर अस्थायी आउटलेट खोलने का काम पूरा हो चुका है। इन आउटलेट्स पर हर सीजन करोड़ों रुपये का उत्पाद बिकता है, जिससे महिलाओं की आजीविका में बढ़ोत्तरी होगी।