Ajendra Ajay took a photo in front of the gold layer in Kedarnath temple, the pilgrim priests got anger

विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं लेकिन तीर्थ पुरोहितों में मंदिर के गर्भ गृह को सोने की परत चढ़ाने को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ‌ तीर्थ पुरोहितों में बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के खिलाफ आक्रोश है। कई दिनों से तीर्थ पुरोहित अजेंद्र अजय के खिलाफ विरोध कर रहे हैं।

बता दे कि तीर्थ पुरोहितों का आक्रोश उस समय और अधिक भड़क गया जब अजेंद्र ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत के समक्ष फोटो खिंचा कर सोशल मीडिया पर शेयर किया। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि पहले अजेंद्र अजय ने जबरदस्ती गर्भग्रह में सोने की परत चढ़ाई अब उसका फोटो खिंचा कर प्रचार कर रहे हैं। ‌ फिलहाल इस मामले में केदार-बदरी मंदिर समिति की ओर से कोई बयान नहीं आया है। ‌

गौरतलब कि जुलाई महीने में महाराष्ट्र के एक व्यवसायी के सहयोग से श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने गर्भगृह की साज-सज्जा की पहल की है। इसके बाद 4 अगस्त को बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन से गर्भगृह की साज-सज्जा की अनुमति के लिए चिट्ठी भेजी थी। उसके बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की छह सदस्यीय टीम ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद तीन दिन पहले केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने का काम शुरू किया गया। 19 कारीगरों ने मंदिर के गर्भगृह को नया रूप दिया है, जिन्होंने सोने की 550 छोटी-बड़ी परतें दीवारों, जलेरी और छत पर लगाई।

करीब ढाई महीने में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया है। बीकेटीसी के ईओ रमेश चंद्र तिवारी ने कहा कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा कर लिया गया है। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों में बद्री-केदार मंदिर समिति के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है। बता दें कि भैया दूज के दिन 27 अक्टूबर को बाबा केदारनाथ धाम पूरे विधि विधान के साथ शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं को अगले साल धाम के कपाट खुलने पर सोने की परत लगे गर्भ गृह के दर्शन हो सकेंगे।