Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में उत्तराखंड एसआईटी ने 86 दिन की विवेचना के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है। 500 पन्नों की चार्जशीट शनिवार को नियमानुसार अभियोजन कार्यालय भेज दी गई। इसमें 100 गवाहों के नाम और 30 से ज्यादा दस्तावेजी साक्ष्य शामिल हैं। अभियोजन कार्यालय से जांच के बाद इसे सोमवार को कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
यह जानकारी शनिवार को उत्तराखंड के एडीजी वी मुरुगेशन ने प्रेसकांफ्रेंस में दी. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों को 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। नियमानुसार पुलिस के पास चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय था। इससे पहले ही 86 दिन की विवेचना में 100 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। मुख्य गवाहों के मजिस्ट्रेटी बयान भी दर्ज कराए गए हैं। चार्जशीट में 30 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य शामिल किए गए हैं. जिसमे फोरेंसिक जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को चार्जशीट में शामिल किया गया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान में जोड़ा कि अभी आरोपियों का पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट होना बाकी है. फिलहाल एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 354क (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम में चार्जशीट फाइल की है.
यह चार्जशीट अभी अभियोजन कार्यालय में दाखिल हुई है. सोमवार को इसे कोर्ट की पटल पर रखा जाएगा. इसके बाद मामले का त्वरित ट्रॉयल कराने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एसआईटी ने निर्धारित 90 दिन के भीतर चार्जशीट तैयार किया है. हालांकि नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के बाद जरूरी हुआ तो इस मामले में सप्लीमेंटरी चार्जशीट भी पेश की जा सकती है.
VIP मेहमानों का खुलासा नहीं
90 दिन की विवेचना के बाद भी पुलिस अब तक आरोपियों से उस वीआईपी मेहमान के नाम नहीं उगलवा पायी है, जिसकी वजह से अंकिता की हत्या हुई. ऐसे में पुलिस ने मामले में आगे बढ़ने के लिए नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की ओर बढ़ने का प्रयास किया है. इसके लिए पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से अनुमति भी मांगी है. इसके लिए दो आरोपियों पुलकित और सौरभ भास्कर ने तो अपनी सहमति दे दी थी, लेकिन अंकित ने दस दिन का समय मांग लिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को ही होनी है.
क्या था अंकिता भंडारी हत्याकांड का मामला
बतादें कि पौड़ी जिले श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। अंकिता की इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त को नौकरी लगी थी। परन्तु 20 दिन बाद ही बीती 18 सितंबर को वह रिसोर्ट से रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। परन्तु जब 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। परिजनों द्वारा डीएम से इस मामले की शिकायत करने के बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।
जिसके बाद पुलिस जांच में इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की।
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया। आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने पूर्व भाजपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
यह बात भी सामने आई थी कि 18 सितंबर को मर्डर के दिन पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता ने भंडारी से मारपीट की थी। अंकिता ने मदद के लिए चिल्ला रही थी। पुलकित और अंकित वीआईपी मेहमान को सेवा देने के लिए उस पर दबाव बना रहे थे। हालाँकि अंकिता उनके दबाव में नहीं आई और उसने आरोपियों के रिसोर्ट का भांडा फोड़ने की धमकी दी थी। जिसके बाद आरोपियों ने अंकिता को नदी में फेंककर उसकी की हत्या कर दी थी।