Indian Culture and Dimensions of Moral Education

देहरादून : राजकीय इंटर कॉलेज सुमाडी में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा लिखित पुस्तक “भारतीय संस्कृति तथा नैतिक शिक्षा के आयाम” का लोकार्पण बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के तत्वावधान में प्रेस क्लब देहरादून मे किया गया। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द चन्द अग्रवाल बतौर मुख्य अतिथि के रूप में रहे। पुस्तक का लोकार्पण करते हुए मुख्य अतिथि प्रेमचन्द अग्रवाल ने वरिष्ठ लेखक व साहित्यकार अखिलेश चन्द्र चमोला की मुक्त कँठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि अपने अध्यापन कार्य के साथ साथ समाज व भावी पीढी के सन्दर्भ में इस तरह के साहित्य का सृजन करना अपने आप में बहुत बडी उपलब्धि को दर्शाता है।

पुस्तक मेँ स्वामी रामकृष्ण परमहँस की साधना, चरित्र, अनुशासन, मित्रता, क्रोध, तनाव के कारण, आदि शिक्षाप्रद पहुलुओँ को बडे मार्मिक तथा सहजता के साथ उजागर किया गया है। वर्तमान समय में इस तरह के साहित्य की नितान्त आवश्यकता है। यह पुस्तक भावी पीढी तथा समाज  के लिए सँजीवनी का कार्य करेगी। लेखक अखिलेश चन्द्र चमोला ने कहा कि मेरा प्रयास है कि भावी पीढी मेँ भारतीय सँस्कृति के बीज रोपित होँ। वे किसी तरह से दिग्भर्मित न हो। भावी पीढी ही हमारी सबसे बडी पूँजी है, इनकी ऊर्जा सत्साहित्य से सकारात्मक कार्योँ की ओर लगाई जा सकती है।

प्रसिद्ध साहित्यकार व समाज सेवी सूर्य प्रकाश ने कहा कि यह पुस्तक मातृशक्ति के लिए भी उपयोगी है, इसमेँ व्रत विधान त्योहार तथा शिक्षा प्रद पहुलुओँ पर भी प्रकाश डाला गया है। कार्यक्रम का सँचालन स्वतन्त्र श्रम जीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष चन्द्रवीर गायत्री ने किया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज देहरादून के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. महेन्द्र सिँह भन्डारी ने कहा कि इस तरह के साहित्य से बच्चों में अच्छे संस्कार स्थापित किये जा सकते हैं। यह पुस्तक निश्चित रुप से भावी पीढी के लिये मार्ग दर्शिका का कार्य करेगी। इस अवसर पर समाज सेवी तथा साहित्य कार मौजूद थे।