photo twitter

हरिद्वार: भारतमाता मंदिर हरिद्वार के संस्थापक व पद्मभूषण महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज आज सुबह करीब 8:00 बजे अपने निवास स्थान राघव कुटीर में ब्रह्मलीन हो गए। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से उनका इलाज देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा था। उन्हें 5 दिन पहले हरिद्वार स्थित उनके आश्रम ले आया गया था। उनकी गिनती देश के शीर्ष नेताओं में होती थी। उनका देश के शीर्ष राजनेताओं इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, आरएसएस के प्रमुख रहे कई संघचालकों से निजी संबंध थे। महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का जन्म 19 सितंबर, 1932 को आगरा में हुआ था। 87 वर्षीय स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को 3 साल पहले भारत सरकार ने पदम विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया था।

 demise of spiritual leader Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj
photo twitter

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारतमाता मंदिर हरिद्वार के संस्थापक व महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज ने पूरे विश्व में ज्ञान, धर्म व आध्यात्म की पताका फहराकर सनातन संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वामी जी का जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज सनातन धर्म परंपरा के महान संत थे। सामाजिक व धार्मिक कार्यों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके अनुयायियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। पद्मभूषण जगदगुरू शंकराचार्य सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज के ब्रहमलीन होने पर बुधवार 26 जून (एक दिन) का राजकीय शोक घोषित किया गया है। बुधवार को प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और कोई भी शासकीय मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जायेंगे।