पौड़ी : प्रमुख सचिव उत्तराखण्ड द्वारा सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को अपने जिले के प्रत्येक विकास खण्डों में बहुउद्देश्यीय शिविरों के आयोजन के लिए आदेश दिए गए हैं। इसीक्रम में जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुसार इन दिनों सभी विकास खण्डों में समाज कल्याण विभाग के तत्वधान में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र द्वारा दिव्यांगजनो के लिए बहुउद्देश्यीय दिव्यांग शिविर आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाये जाने साथ दिव्यांगजनो को यूडीआईडी कार्ड दिव्यांग परिचय पत्र ऑन लाइन आवेदन भी करवाया जा रहा हैं। बाकायदा इसके लिए समाज कल्याण विभाग एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने ब्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी करवाया गया। लेकिन गुरुवार को कल्जीखाल ब्लॉक में आयोजित बहुउद्देश्यीय दिव्यांग शिविर में दूर-दराज से आए दिव्यांगजनो, उनके परिजनों को निराशा ही हाथ लगी। दिव्यांगजनो को उनके परिजन बड़ी उम्मीद और अपेक्षा से शिविर तक लाए। शिविर में 36 दिव्यांगों ने पंजीकरण करवाया। लेकिन शिविर में उपस्थित मेडिकल पैनल ने केवल दो दिव्यांगों को ही दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किया।

शिविर में 5 ऑनलाइन यूआईडीआई परिचय पत्र बनवाने के लिए आवेदन भी जमा करवाए गए। इस बहुउद्देश्यीय शिविर में दिव्यांगों के परिजनों ने गहरी नाराजी जाहिर की। मेडिकल परीक्षण में केवल ऑर्थो सर्जन के अलावा और कोई चिकित्सा विशेषक मौजूद नही थे। सुरालगांव (भेटी) से आई दिव्यांग महिला गुड्डी देवी चार साल पहले पेड़ से गिर गई थी, जिसके चलते उनका एक पांव आज भी जख्मी है। वह चल फिर नही सकती हैं, उनके पति धर्मपाल भी मानसिक दिव्यांग है। उन दोनो का प्रमाण पत्र भी नही बना। चिकित्सको ने उन्हें श्रीनगर जाने  कहा।

वहीँ फलदा निवासी हरेन्द्र सिंह पटवाल भी दिव्यांग है। उसे समाज कल्याण विभाग से दिव्यांग पेंशन भी मिलती हैं। उसका दिव्यांग प्रमाण रिन्यू होना था, वो भी नहीं हुआ। इसी प्रकार सचिन और अशोक सिंह सुतारगांव मानसिक एवं शारिरिक दिव्यांग हैं। उन्हें भी बैरंग लौटना पढ़ा। उन्हें भी चिकित्सकों ने श्रीनगर एवं पौड़ी जाने को कहा। शिविर में केवल चिकित्सको द्वारा पुराने चिकित्सको के जांच रिपोर्ट के आधार पर ही दिव्यांग प्रतिशत तय किया जा रहा था।

शिविर में मुख्य अतिथि कनिष्ठ प्रमुख अर्जुन सिंह पटवाल ने भी कहा कि शिविर में जांच की तकनीकी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि जनता को इस शिविर का लाभ हो सके। इसमें तो मात्र समय और सरकारी धन का दुरप्रयोग हो रहा है। वहीं घण्डियाल स्वास्थ्य सामुदायिक केन्द्र प्रभारी डॉक्टर आशीष गुसाई ने बताया की तकनीकी विषय हैं। सम्बंधित चिकित्सक पर निर्भर हैं। वह जांच के बाद ही दिव्यांग को कितना प्रतिशत आकलन करते हैं। अधिकतर दिव्यांगजन यही चाहते हैं कि उन्हें 40% अनफिट प्रमाण पत्र मिल जाए। ताकि उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल जाए। इस अवसर सहायक समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, पीएलवी एवं सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी सहित कई प्रधान मौजूद थे।

कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले तमिलनाडु हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित सभी सैन्य अधिकारियों को दिव्यांगजनो ने दो मिनट मौन रखकर श्रद्धजलि दी।

पौडी से जगमोहन डांगी की रिपोर्ट