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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी की अध्यक्षता आज संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य के कर्मचारी पूर्व की भांति इस वर्ष भी 1 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि 1 अक्टूबर 2005 को राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन खत्म करके उन्हें नई पेंशन से आच्छादित किया गया था, जो बिल्कुल भी कर्मचारी के हित में नहीं है.

बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि मोर्चा लगातार सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है तथा सरकार के साथ लगातार सहयोग कर रहा है।  मोर्चा द्वारा 25 अगस्त को विधानसभा कूच का कार्यक्रम रखा गया था। लेकिन 23 अगस्त को मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन बहाली का आश्वासन देते हुए मोर्चा के पदाधिकारियों की वार्ता वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह से करने की बात कही थी लेकिन अभी तक सरकार द्वारा इसकी तिथि तय नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रतीत होता है कि सरकार नौकरशाहों के समक्ष नतमस्तक हो चुकी है और अधिकारी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं।

बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डीसी पसबोला ने कहा कि सरकार को अपने वादे को निभाना चाहिए और शीघ्र ही पेंशन के संबंध में पदाधिकारियों की वार्ता शत्रुघ्न सिंह से कराई जानी चाहिए। वहीँ संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय आईटी प्रभारी अवधेश सेमवाल ने कहा कि नई पेंशन कर्मचारियों के हितों में कुठाराघात है। इसे शीघ्र खत्म कर दिया जाना चाहिए, नहीं तो सरकार को एक और आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए।

रुद्रप्रयाग जनपद इकाई के संरक्षक रणवीर सिंह सिंधवाल ने शीघ्र आंदोलन की रणनीति तैयार करने की बात कही। उत्तरकाशी जनपद के महासचिव माधव नौटियाल ने सरकार को चेताया कि अगर शीघ्र ही कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती तो उन्हें 2022 के चुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका कहना है कि 80 हजार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करते हुए कैसे कोई सरकार  सत्ता वापसी के विषय में सोच सकती है। टिहरी जिले के वरिष्ठ उपाध्यक्ष माखनलाल शाह ने कर्मचारियों को लामबंद होने की अपील की। गढ़वाल मंडल महासचिव नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि वे पूर्व में भी सरकार से वार्ता के पक्ष में नहीं थे। कर्मचारी बार-बार के आश्वासनों से ऊब चुका है और सरकार से सीधी लड़ाई लड़ने को तैयार है।

बैठक का संचालन संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ कमलेश कुमार मिश्र द्वारा किया गया। वेबीनार में टिहरी जिला उपाध्यक्ष स्वरूप जोशी, प्रांतीय महिला अध्यक्ष योगिता पंत, गढ़वाल मंडल महिला अध्यक्ष रश्मि गौड, रुद्रप्रयाग जनपद उपाध्यक्ष शशि चौधरी, अल्मोड़ा जनपद उपाध्यक्ष रजनी रावत, रुद्रप्रयाग जनपद संरक्षक शंकर भट्ट, रुद्रप्रयाग जनपद वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल शाह, प्रांतीय मीडिया प्रभारी लक्ष्मण सिंह रावत, गढ़वाल मंडल संगठन प्रभारी सौरभ नौटियाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी के अध्यक्ष गुरुदेव रावत, बागेश्वर से राजेंद्र देव, प्रांतीय कानूनी सलाहकार अजय चमोला, अल्मोड़ा से जनपदीय उपाध्यक्ष अजीत तिवारी, उत्तरकाशी से मुरली मनोहर भट्ट, धर्म सिंह कार्की, श्रीनगर शाखा अध्यक्ष राकेश रावत, महामंत्री मनोज भंडारी, मुकेश नेगी, राजेंद्र पवार, रमेश चंद्र जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, शोभित बहुगुणा सहित 100 से अधिक कर्मचारियों एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।