Bal Pratibha Samman

श्रीनगर गढ़वाल : राइका सुमाडी विकास खन्ड खिर्सू जनपद पौडी गढवाल में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी अध्यापक तथा नशा उन्मूलन प्रभारी के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए बाल प्रतिभा सम्मान समारोह के क्रम में 2019-20 में उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण ग्रामीण आंचलिक में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु अपने निजी व्यय पर भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। हाईस्कूल इन्टर बोर्ड परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को आकर्षक मेडल तथा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। ”22वें बाल प्रतिभा सम्मान समारोह मे कारगिल शहीद कुलदीप सिंह राइका खन्डाह पौडी गढवाल के छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम राइका खन्डाह के सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर बच्चों को जीवन में कभी नशा न करने की प्रतिज्ञा भी दिलाई गई। चमोला द्वारा आयोजित बाल प्रतिभा सम्मान समारोह की अतिथियों द्वारा सराहना की गई। कार्यक्रम की रूप रेखा इस प्रकार से रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता भूपेन्द्र सिंह रावत, प्रधानाचार्य राइका खन्डाहने की। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार राकेश मोहन कन्डारी प्रवक्ता अग्रेंजी, राइका स्वीत जबकि अतिथि शिक्षक संघ के नेता अनिल सेन्दवाल रहे।

प्रधानाचार्य भूपेन्द्र सिंह रावत ने कहा चमोला निरन्तर कई वर्षों से ग्रामीण आंचलिक में अध्ययन रत छात्र छात्राओं को सम्मानित करने का कार्य कर रहे हैं। यह कार्य सराहनीय तथा उत्कृष्ट प्रयास है। इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों को आगे बढने की प्रेरणा मिलती है। राकेश मोहन कन्डारी ने कहा कि वर्तमान समय प्रतियोगिता का समय है। इन कार्यक्रमों से छात्रों में प्रतियोगिता का संचार पैदा होता है। अपने अध्यापन कार्य करने के साथ ही चमोला का भावी पीढ़ी के सन्दर्भ में यह उत्कृष्ट मुहिम है। शिक्षक संघ के नेता अनिल सेन्दवाल ने कहा कि भावी पीढ़ी ही राष्ट्र की धरोहर है। इनका सम्मान करना सम्पूर्ण राष्ट्र का सम्मान करना है। शिक्षक सन्तोष पोखरियाल ने कहा कि इस पुनीत कार्य के लिये चमोला जी वधाई के पात्र हैं। ऐसे कार्यक्रमों से अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलती है। भावी पीढ़ी के सन्दर्भ में किये गए कार्यों से चमोला जी ने शिक्षक समुदाय में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

आयोजित कार्यक्रम में कोरोना महामारी से किस तरह से बचें, इस विषय पर भी चर्चा परिचर्चा की गई। कार्यक्रम के संयोजक अखिलेश चन्द्र चमोला ने कहा कि हर छात्र में अद्भुत प्रतिभा निहित रहती है। आवश्यकता उसे सही वातारण देने की है। छात्रों को अपनी प्रतिभा कम नहीं आंकनी चाहिए। जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त करने के लिए माता, पिता, गुरु का सम्मान करना चाहिए। हमारी भारतीय संस्कृति सभी संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ है। हमें अपनी संस्कृति के साथ आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए। बाल प्रतिभा सम्मान समारोह का उद्देश्य छात्रों को सम्मानित करने के साथ उनमें आदर्श गुणों को भी निरूपित करना है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक अध्यापक राजवीर विष्ट ने कहा कि जो भी बातें अतिथियों द्वारा कही गई हैं, उन्हें अपने जीवन में भी उतारने का प्रयास करना चाहिए। सम्मानित होने पर छात्रों के चेहरे खिल उठे। हाईस्कूल परीक्षा में उत्तीर्ण कु. यातिका 84%, दीपान्शु 75.02%, कु. पूजा 75%, अनीषा 74.8%, कु. तानिया 73.4%, विवेक नयाल 69.6%, कु. चेतना 68.4%, मनीष कुमार 68.4%, कु. कुसुम लता 67%,हिमानी 63.6’%, इन्टर की परीक्षा में कु. अंजलि 80.6%, हिमानी 76%, रुचिता 75.4%, अशोक कुमार 68.6%, कु. नेहा 68.4%, कु. साधना 67.8%, सिमरन 67.4%, निखिल 61.6%, विनीता 61.6%, शालिनी 60.8%, प्रशांत 60.8% आदि छात्र/छात्राओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस मौके पर भगवती प्रसाद गौड, कुन्जविहारी सकलानी, भास्करानन्द गौड, दलवीर सिंह शाह, विजय सिंह चौहान आदि वक्ताओं ने भी मुख्य रूप से अपने विचार रखे।