primary school teacher
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पौड़ी : पौड़ी जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में कई स्कूल भगवान भरोसे चल रहे हैं। कहीं अध्यापक नहीं हैं, तो कहीं अध्यापक होने के बावजूद भी वे स्कूल से गायब रहते हैं। ऐसे ही एक मामला जिले के थलीसैंण ब्लाक के एक प्राथमिक स्कूल का सामने आया है। इस प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापिका ने पठन-पाठन के लिए गांव की एक लड़की को रखा था और खुद स्कूल से गायब रहती थी। इस बात की पोल तब खुली जब मुख्य शिक्षाधिकारी ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया। मुख्य शिक्षाधिकारी (CEO) के आदेशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें खंड शिक्षा कार्यालय थलीसैंण अटैच कर दिया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा मो. सावेद आलम ने बताया कि बीते मंगलवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. आनंद भारद्वाज ने थलीसैंण ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत विद्यालय से नदारद पाई गईं। सीईओ ने पूछताछ की तो पता चला की प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने अपनी जगह पर गांव की मधु रावत नाम की एक लड़की को पठन-पाठन के लिए बतौर सहायक शिक्षिका तैनात किया हुआ है। इसके लिए प्रभारी प्रधानाध्यापिका द्वारा उसे 2500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। जिस पर मुख्य शिक्षाधिकारी ने सरकारी कर्मचारी के दायित्वों का सरासर उल्लंघन बताते हुए अग्रिम आदेशों तक प्रभारी प्रधानाध्यापिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए उप शिक्षा अधिकारी थलीसैंण को मामले के जांच के आदेश दिए थे।

अब सीईओ के आदेशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा मो। सावेद आलम ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत को दायित्वों के प्रति लापरवाही बरते जाने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आटीई अधिनियम 2009 का उल्लंघन करने, कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने पर निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें खंड शिक्षा कार्यालय थलीसैंण अटैच कर दिया गया है। PROXY teacher in pauri garhwal school

हालाँकि प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत का कहना है कि वो 2013 से थलीसैंण के इस विद्यायल में सेवारत हैं, और अपने परिवार के साथ यहीं रहती हैं। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए रखी गयी ट्यूटर को स्कूल प्रबंधन समिति की सहमति से रखा गया है। उन्होंने बताया कि सीईओ डॉ। भारद्वाज के निरीक्षण के दौरान वो तीन दिवसीय ब्लॉक स्तरीय संकुल प्रतियोगिता में शामिल होने गईं थी जो ब्लॉक मुख्यालय थलीसैंण में ही था। यहां तक कि इसका विवरण अटेंडेंस रजिस्टर में भी दर्ज है।  परन्तु जाँच अधिकारी उसके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।

अपनी जगह ठेके पर प्रॉक्सी टीचर रखने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एकेश्वर ब्लॉक के दुर्गम क्षेत्र बंठोली में स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने भी पठन पाठन के लिए अपनी जगह पर गांव की ही एक युवती को प्रॉक्सी टीचर के रूप में स्कूल में रखा था। जो कि विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के सभी विषय पढ़ाती थी। इसके एवज में प्रधानाध्यापिक उसे पैसे देती थी।