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पौड़ी : पौड़ी (सुरक्षित) सीट पर कांग्रेस की दावेदारों की लंबी फेहरिस्त हैं। लगभग 14 दावेदार टिकट लिए लाइन पर हैं। शायद पौड़ी विस क्षेत्र का अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित होने का यह आखरी टर्म होगा, इसी को देखते हुए अनुसूचित वर्ग के सभी छुटभैये से लेकर प्रभावशाली नेता हर हाल में इस मर्तवा विधानसभा जाने की हसरत पाले हैं। कांग्रेस के नवल किशोर पिछली विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी मुकेश कोली से लंबे अंतराल पराजित हो गए थे। इस बार भी नवल किशोर की प्रबल दावेदारी हैं। वह प्रदेशाध्यक्ष एवं हरीश रावत खेमे के माने जाते हैं।

हालांकि माना जाता है कि पौड़ी विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम रहे और चुनाव हारने के बाद उनकी क्षेत्र में उपस्थिति कम ही देखी गई। वहीँ चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर पूर्व आईएएस सुंदरलाल मुयाल भी दावेदारी कर रहे। शिक्षित एवं पूर्व प्रशाशक रहने का अनुभवी होने पर पूर्व आईएएस मुयाल अपनी दावेदारी मजबूत मान रहे हैं। इसके साथ ही एक नाम जो दावेदारों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर उठकर आ रहा है, वह है कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष विनोद दनोशी का। जो लगातार जनता के बीच सक्रिय होने के साथ-साथ संगठन के एक बड़े हिस्से पर उनका प्रभाव देखा जा सकता है।

कोविड दौरान जहां नेता घरों में दुबके थे, वहीं विनोद दनोशी क्षेत्र में अपनी टीम के साथ निरंतर सक्रिय थे। इसके अलावा विनोद दनोशी नेता प्रतिपक्ष के करीबी माने जाते हैं। दूसरा कोविड सक्रमण की वक्त से ही जनता के बीच उपस्थित रहने के चलते विनोद दनोशी गांव-गांव में जनता के बीच अपनी पैठ बना चुके है। इसके अलावा पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य भी पौड़ी सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी कर रहे है। वह भी निरंतर लंबे समय से दावेदारी कर रहे है। वहीँ कांग्रेस दावेदारों की फेहरिस्त में हरीश रावत की ओएसडी अरुणा कुमार महिला दावेदारी मजबूती से कर रही हैं। इसके अलावा जगदीश चन्द्रा, राष्ट्रीय कवि युवा नेत्री डॉक्टर ऋतु सिंह, युवा चेहरा एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष गौरव सागर, केशवानंद आर्य आदि सभी अपने-अपने स्तर टिकट की जुगत में लगे है। और देहरादून से लेकर दिल्ली तक चक्कर लगा रहे है। कोई भी दावेदार इस मर्तबा मौका नही गवाना चाहता है। शायद 2027 में यह सीट अनारक्षित हो जाए।

जगमोहन डांगी पौड़ी गढ़वाल