martyr Major Vibhuti Dhoundiyal wife Nikita became a lieutenant in the army

देहरादून : 18 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता कॉल ढौंडियाल का सपना आखिरकार पूरा हो गया। ओटीए, चेन्नई में कड़ी ट्रेनिंग के बाद वह इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधे पर सितारे लगाकर उनको बधाई दी। लेफ्टिनेंट निकिता ने पिछले साल इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास की थी।

मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के मेजर विभूति ढौंढियाल 18 फरवरी 2019 को जम्‍मू कश्‍मीर के पुलवामा में हुए एक एनकाउंटर में वीरगति को प्राप्‍त हुए थे। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद ही पुलवामा के पिंगलान गांव में आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना ने एक ऑपरेशन चलाया था। पिंगलान में हुए इस एनकाउंटर में चार सैनिक शहीद हुए थे। इन शहीदों में मेजर रैंक के ऑफिसर विभूति ढौंढियाल भी शामिल थे। शहीद मेजर ढौंडियाल की शादी मात्र 9 महीने पहले ही हुई थी। ऐसे में उनकी मौत के बाद उनकी 27 वर्षीय पत्नी निकिता कौल ढौंडियाल विधवा हो गई थीं, लेकिन निकिता ढौंडियाल ने उस वक्त भी हार नहीं मानी और मन बना लिया था कि वो सेना को ही ज्वाइन करेंगी। अंतिम दर्शन में उनकी पत्नी निकिता ने सैल्यूट कर अपने पति को अंतिम विदाई दी थी। उनके शहीद होने के बाद उनकी पत्नी निकिता ने पति के सपने को पूरा करने के लिए सेना में जाने का मन बनाया। निकिता ने दिसंबर 2019 में इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा दी थी। जिसमें वह पास हो गई थीं। इसके बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से निकिता को कॉल लेटर आया। ट्रेनिंग पूरी कर निकिता 29 मई को ओटीए की पासिंग आउट परेड में बतौर लेफ्टिनेंट आधिकारिक रूप से सेना में शामिल हो गईं।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा उत्तराखण्ड के लिए भी गौरव का क्षण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शहीद विभूति की पत्नी को सेना में भर्ती होने पर बधाई देते हुए कहा कि पुलवामा हमले के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले, शौर्य चक्र से सम्मानित मेजर विभूति शंकर ढोंढ़ीयाल जी की पत्नी श्रीमति नीतिका जी का सेना में भर्ती होना न केवल उनके वीर पति को सच्ची श्रद्धांजलि है, अपितु उत्तराखण्ड के लिए भी गौरव का क्षण है। उनकी राष्ट्र निष्ठा को मेरा प्रणाम।