सतपुली: नयार घाटी सतपुली क्षेत्र के प्रसिद्द समाजसेवी व उद्योगपति ठाकुर सुंदर सिंह चौहान का आज तड़के 4:00 बजे एम्स अस्पताल ऋषिकेश में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट टिहरी गढ़वाल में किया गया। इससे पहले उनके पार्थिक शरीर को अंतिम दर्शन किए उनके स्थाई निवास कर्मभूमि सतपुली मलेठी लाया गया। जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए।
दो दिन पहले अचानक ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ा, जिसके बाद उन्हें कल सुबह एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया था। उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए की आवाज शुरू हुई थी उस संघर्ष में ठाकुर सुंदर सिंह चौहान का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने लैंसडौन विधानसभा से उत्तराखंड क्रांति दल से चुनाव भी लड़ा था। उसके बाद वर्ष 2017 में चौबटाखाल विधानसभा से भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था। चुनाव में दोनों बार असफल होने के बावजूद उन्होंने समाजिक सरोकारों से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने गरीब और असहाय निराश्रित लोगों के वृद्ध आश्रम खोला। जहां गरीब निराश्रित विधवाओं की कन्याओं की निशुल्क शादी भी करवाई जाती थी। उन्होंने 100 कन्याओं का शादी करवाने का संकल्प लिया था। एक ऐसा शख्स उत्तराखंड ने खो दिया है, जिसकी कमी पूरी नहीं की जा सकती है। उन्होंने ने हजारों लोगों को जीने का रास्ता सिखाया और जीवन में कुछ करने की सीख दी। उनके दो पुत्र है। त्रिलोक सिंह चौहान और जितेंद्र सिंह चौहान। जितेंद्र सिंह चौहान वर्तमान में सतपुली नगर पंचायत अध्यक्ष पद है।
उनके बेटे भी अपने पिता की परंपराओं को आत्मसात करते हुए इंसानियत सद्भाव मानवीय उत्थान के मार्ग को आगे बढ़ाएंगे। सुंदर सिंह चौहान सच्चे भारत मा के सपूत और उत्तराखंडी थे। वे पहाड़ों पर उद्योग लगाने की बात करते थे। गांवों को फिर से जीवित करने की दिशा में जीवन पर्यन्त लगे रहे। उनसे प्रेरणा लेकर बहुत से प्रवासी उत्तराखंडीयों ने गांव आकर अपने गांव को खेतों को आवाद किया है। सुंदर सिंह चौहान की सोच को उस परंपरा को आगे बढाते हुए समाज में लोगों को भी आगे बढ़ाना होगा। आज उनके निधन पर व्यापार मंडल सतपुली, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महराज, पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, पंचायत के जनप्रतिनिधि समाजसेवी ने शोक व्यक्त किया है।
जगमोहन डांगी ग्रामीण पत्रकार