Symptomatic patients-will-be-hospitalized

देहरादून : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग के तहत एक अहम फैसला लिया है। उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड के उपचार के लिए गठित टास्क फोर्स ने यह तय किया है कि आरटी पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद भी यदि व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे अस्पताल में भर्ती करना होगा।

दरअसल, कई ऐसे कोरोना मरीज हैं, जिनमें लक्षण साफ-साफ दिख रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। बताया जा रहा है कि नया म्यूटेंट वायरस आरटी-पीसीआर टेस्ट को चकमा दे रहा है। बाद में सीटी स्कैन के माध्यम से संक्रमण की पुष्टि हो रही है। पर ऐसे मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव न होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है, जिसके लिए अब स्वास्थ्य महानिदेशालय ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।

उत्तराखंड में राज्य स्तरीय कोविड टास्क फोर्स ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे सभी व्यक्ति जिनकी आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट निगेटिव है, पर उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और उसे भर्ती कर इलाज की आवश्यकता है तो उसका उपचार तुरंत किया जाए। किसी भी सूरत में मरीज को इलाज से वंचित न किया जाए।